Move to Jagran APP

स्टोरेज स्ट्रक्चर की होगी जियो टैगिंग, किसानों को एक क्लिक पर मिलेगी जानकारी

जिले भर के कोल्ड स्टोरेज व वेयर हाउस सहित मंडी के भंडारण केंद्रों की जियो टैगिंग कराए जाने की योजना धरातल पर उतरने वाली है। इसके लिए इस सप्ताह काम शुरू हो जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 03:21 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 03:21 PM (IST)
स्टोरेज स्ट्रक्चर की होगी जियो टैगिंग, किसानों को एक क्लिक पर मिलेगी जानकारी
स्टोरेज स्ट्रक्चर की होगी जियो टैगिंग, किसानों को एक क्लिक पर मिलेगी जानकारी

ज्ञानेंद्र कुमार शुक्ल, रुद्रपुर : आने वाले दिनों में किसानों को फसल तैयार होने के बाद परेशान नहीं होना पड़ेगा। जल्द ही जिले में मौजूद कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस सहित मंडी के भंडारण केंद्र की जियो टैगिंग शुरू हो जाएगी। इसके बाद वन क्लिक पर किसानों को अपने-पास कोल्ड स्टोरेज व भंडारण केंद्र की जानकारी मिल जाएगी। जल्द ही डीएम के साथ बैठक कर इस योजना को धरातल पर उतारने की कार्रवाही शुरू होगी।

loksabha election banner

जिले में जहां व्यापक व वैज्ञानिक तरीके से खेती की जा रही है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल बड़े समय तक बनाए रखने के लिए जहां कोल्ड स्टोरेज व वेयर हाउस पर निर्भर रहना पड़ रहा है। पर कहां पर कितनी क्षमता के कोल्ड स्टोरेज हैं, उसमें कितनी जगह खाली है। इसकी जानकारी समय पर किसानों को नहीं मिल पाती है। इस दिशा में केंद्र सरकार की तरफ से की जा रही पहल में जिले भर के कोल्ड स्टोरेज व वेयर हाउस सहित मंडी के भंडारण केंद्रों की जियो टैगिंग कराए जाने की योजना धरातल पर उतरने वाली है। इसके लिए इस सप्ताह काम शुरू हो जाएगा। नाबार्ड की तरफ से डीएम के साथ बैठक कर कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

पूरे कुमाऊं मंडल में सीडब्ल्यूसी, एसडब्ल्यूसी व खाद्य विभाग को मिलाकर 12 वेयर हाउस कार्य कर रहे हैं। इसमें हर एक की क्षमता 20 हजार क्विंटल भंडारण की है। आरएफसी कुमांऊ ललित मोहन रेयाल ने बताया कि खटीमा व ऋषिकेश में नए वेयर हाउस बनाया जाना है। इसमें खटीमा में जमीन चिह्नित कर ली गई है। इसके साथ ही आरएफसी, भंडारण निगम, खाद्य विभाग व मंडी समिति के अपने भंडारण केंद्र हैं, जिनकी जियो  टैगिंग नाबार्ड करने जा रहा है। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक राजीव प्रियदर्शी का कहना है कि स्टोरेज स्ट्रक्चर की जियो टैगिंग किए जाने की कार्रवाई जल्द शुरू होने जा रही है। आने वाले दिनों में किसानों को पता चल जाएगा कि कौन से वेयर हाउस या कोल्ड स्टोरेज में कितनी जगह खाली है। वह समय पर अपनी फसल को बाजार में ला सकेंगे।

यह भी पढ़ें : 'निसर्ग' से महाराष्ट्र के तटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नुकसान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.