चंपावत जिला अस्पताल के जनरल सर्जन ने वेतन न मिलने पर इस्तीफा दिया
सरकारी तंत्र की बदहाली का एक और नमूना देखने को मिला। सरकारी व्यवस्था से आहत चंपावत जिला अस्पताल के जनरल सर्जन ने वेतन न मिलने पर इस्तीफा दे दिया।
चम्पावत, जेएनएन : सरकारी तंत्र की बदहाली का एक और नमूना देखने को मिला। सरकारी व्यवस्था से आहत चंपावत जिला अस्पताल के जनरल सर्जन ने वेतन न मिलने पर इस्तीफा दे दिया। हालांकि उनके इस्तीफा देने से पूर्व ही वेतन के लिए बजट मिल गया था। शुक्रवार को वेतन उनके खाते में भी पहुंच गया लेकिन यह सरकारी तंत्र के लिए एक बड़ा सवाल भी है। वहीं वेतन न मिलने पर सर्जन डॉक्टर के लोहाघाट निजी अस्पताल में ज्वाइन करने की भी चर्चा जोरों पर है। हालांकि इस मामले पर दैनिक जागरण पूर्व में ही अंदेशा जता चुका है। सर्जन ने अपनी पत्नी गायनी के मातृत्व अवकाश के बाद ज्वाइन करने की बात कही है।
जिला अस्पताल में जनरल सर्जन डॉ. राहुल चौहान ने दो जून तथा पत्नी गायनी ने 15 जून को ज्वाइन किया। अस्पताल में आने के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार। जिससे लोगों को काफी राहत मिलने लगी। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को इसका खूब लाभ हुआ। वहीं तीन माह से चिकित्सक दंपत्ति को वेतन नहीं मिला। इस पर आइसीयू के उद्घाटन पर सर्जन डॉ. राहुल ने विधायक कैलाश गहतोड़ी से वेतन न मिलने की शिकायत की। इसके साथ ही चिकित्सक दंपत्ति पर लोहाघाट निजी अस्पताल में उपचार किए जाने के आरोप लगने लगे। इस पर लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया।
वेतन न मिलने पर चिकित्सक दंपत्ति ने कई बार उच्चाधिकारियों से लिखित व मौखिक शिकायत की लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर नौ सितंबर को सर्जन डॉ. राहुल चौहान ने वेतन न मिलने पर इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफा देने के दिन ही जिला अस्पताल को डॉक्टर व कर्मचारियों को वेतन देने को 45 लाख का बजट मिल गया। जिसके बाद आज डॉक्टरों के खाते में वेतन डाल दिया गया। अब मामले में यह भी चर्चा है कि डॉक्टर ने वेतन मिलने के बाद लोहाघाट के निजी अस्पताल में ज्वाइन कर दिया। सरकारी तंत्र की इस कार्यप्रणाली से आम जन को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
क्या बोले सर्जन डॉक्टर राहुल
डॉ. राहुल ने कहा कि वह वेतन न मिलने से काफी आहत हैं। अगर इतना काम करने के बाद ही अगर समय से वेतन न मिले तो बेकार है। कैसे परिवार चलाएंगे। वहीं अस्पताल का वातावरण भी काम के अनुकूल नहीं है। वहां पर वैसे ही एक सर्जन है जो काम कर लेंगे। मुझे अच्छा अवसर मिला तो मैंने उसे एक्सेप्ट किया। डॉ. राहुल ने कहा पत्नी गायनी डॉ मोनिका चौहान ने इस्तीफा नहीं दिया है। वह मातृत्व अवकाश पूरा होने के बाद जिला अस्पताल पुन: ज्वाइन करेंगे। वह कहीं नहीं जाएंगी।
क्या बोले पीएमएस
पीएमएस डॉ. आरके जोशी ने कहा कि सर्जन डॉ. राहुल का कंडीशनल इस्तीफा मिला है। जिसमें उन्होंने वेतन न मिलने पर इस्तीफा देने की बात कही है। अब तो उन्हें वेतन मिल गया है। अब उन्हें ज्वाइन करना चाहिए। अगर वह ज्वाइन नहीं करते हैं तो उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा। रिमांडर पत्र भेजने के बाद भी वह ज्वाइन नहीं करते तो उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाएगा। जिससे आगे की कार्यवाही की जा सके।