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रोडवेज में सिर्फ नेतागिरी की या स्टेयरिंग और फाइल भी पकड़ी, शासन ने मांगा रिकाॅर्ड

रोडवेज में यूनियनों का झंडा बुलंद करने वाले नेताओं को अब बताना पड़ेगा कि उन्होंने साल में कितने दिन काम किया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 10:05 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 10:05 AM (IST)
रोडवेज में सिर्फ नेतागिरी की या स्टेयरिंग और फाइल भी पकड़ी, शासन ने मांगा रिकाॅर्ड
रोडवेज में सिर्फ नेतागिरी की या स्टेयरिंग और फाइल भी पकड़ी, शासन ने मांगा रिकाॅर्ड

हल्द्वानी, जेएनएन : रोडवेज में यूनियनों का झंडा बुलंद करने वाले नेताओं को अब बताना पड़ेगा कि उन्होंने साल में कितने दिन काम किया। रोडवेज की बदहाल स्थिति को देखते हुए महाप्रबंधक (प्रशासन) निधि यादव ने सभी आरएम व एआरएम को पत्र भेजकर इनका पूरा ब्यौरा मांगा है। वहीं मुख्यालय के इस आदेश से कर्मचारी नेताओं में हड़कंप मचा है। डिपो स्तर पर एआरएम एक हफ्ते के अंदर जवाब देंगे। 

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परिवहन निगम लाख कोशिश करने के बावजूद घाटे से उभर नहीं पा रहा। बैठकों में अक्सर संसाधन व स्टाफ की कमी का मुद्दा उठता है। ऐसे में मुख्यालय ने मंडलीय महाप्रबंधक व सहायक महाप्रबंधक से पूछा है कि उनके वहां तैनात कर्मचारी संगठन के नेताओं को आवंटित काम का रिकॉर्ड कैसा है। अगर वह रूट ड्यूटी पर है तो साल में कितने किमी सफर तय किया। अगर कार्यालय से अटैच है तो कितनी फाइलें निपटाई। अप्रैल 2018 से इस साल मई तक ब्यौरा मुख्यालय भेजा जाना है। अफसर अब रोडवेज नेता का निगम में मूल पद, आवंटित कार्य, हाजिरी संबंधित डाटा एकत्र कर रहे हैं। रोडवेज मानकों के मुताबिक ड्यूटी नहीं होने पर विभागीय कार्यवाही भी होगी। हालांकि अंदरखाने सभी यूनियन फैसले के विरोध में लामबंद भी होनी लगी है। 

एक साल में मुख्यालय पहुंचे 246 नोटिस 

रोडवेज नेताओं का रिकॉर्ड तलब करने की बड़ी वजह मुख्यालय पहुंचे मांगपत्र व नोटिस है। एक साल में 246 नोटिस मुख्यालय आए हैं। इनमें रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के 98, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के 61, इंप्लाइज यूनियन ने 47, परिवहन मजदूर संघ ने 29 व एससी-एसटी संघ ने 11 मांगपत्र दिए है। 

एआरएम की जिम्मेदारी

मुख्यालय के मुताबिक तैनाती का आदेश डिपो स्तर पर होता है। ऐसे में सहायक महाप्रबंधक (एआरएम) की जवाबदेही ज्यादा है। क्योंकि निचले स्तर पर उसे ही तय करना है कि निगम हित में स्टाफ से कैसे काम लिया जाना है। वहीं सूत्रों की माने सामान्य कर्मचारी अक्सर खुद से दोगुना काम करवाने की शिकायत करते थे। जिसके चलते भी नेताओं का रिकॉर्ड तलब किया गया है।  

रोडवेज कर्मियों को मुद्दे उठाने की छूट 

निधि यादव, जीएम प्रशासन ने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों के मुद्दे उठाने की छूट है। लेकिन कर्मचारी होने के नाते निगम में मिले दायित्व को पूरा करना भी जरूरी है। रोडवेज यूनियन के पदाधिकारियों का डाटा तलब किया गया है। रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्यवाही होगी।

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