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GB Pant University : जीबी पंत विवि को मिल सकता है केंद्रीय विवि का दर्जा, केन्‍द्र सरकार ने मांगा प्रस्‍ताव

GB Pant University सब कुछ ठीक ठाक रहा तो देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने वाले गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा मिल सकता है। इसकी कवायद तेज हो गई है। इसके लिए शासन ने विवि प्रशासन से प्रस्ताव मांगा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 08:05 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 08:05 AM (IST)
GB Pant University : जीबी पंत विवि को मिल सकता है केंद्रीय विवि का दर्जा, केन्‍द्र सरकार ने मांगा प्रस्‍ताव
जीबी पंत विवि को मिल सकता है केंद्रीय विवि का दर्जा, केन्‍द्र सरकार ने मांगा प्रस्‍ताव

रुद्रपुर, अरविंद कुमार सिंह : GB Pant University : सब कुछ ठीक ठाक रहा तो देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने वाले गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा मिल सकता है। इसकी कवायद तेज हो गई है। इसके लिए शासन ने विवि प्रशासन से प्रस्ताव मांगा है। यदि केंद्रीय विवि का दर्जा मिल गया तो न केवल राज्य के साथ देश को फायदा मिलेगा, बल्कि भरसार विवि को भी राज्य कृषि विवि के रूप में विकसित किया जा सकता है।

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विवि से देश में आई हरित क्रांति 

जब देश अनाज के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता था तो वर्ष, 1960 में स्थापित पंत विवि ने सिर्फ सात साल में ही हरित क्रांति ला दी। इससे देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर होने के साथ ही निर्यात करने लगा है। विवि में कृषि विकास के लिए कई परियोजनाएं संचालित हैं और वृहद स्तर पर शोध कार्य भी होते हैं। विवि ने कई प्रजातियों को विकसित करने के साथ कृषि उपकरण भी ईजाद किए हैं।  

पर्याप्‍त बजट ने मिलने से होती है परेशानी 

हैरानी यह है कि देश के कई विवि केंद्रीय विवि बन गए, मगर पंत विवि को यह दर्जा नसीब नहीं हो सका। हालांकि कई बार पंत विवि को केंद्रीय विवि बनाने की मांग उठ चुकी है, मगर धरातल पर नहीं उतर सका। पर्याप्त बजट न मिलने से पंत विवि को शोध कार्य, शिक्षण आदि क्षेत्रों में जूझना पड़ रहा है। राज्य बनने के बाद विवि के सैकड़ों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाकर ठेके पर कार्य कराया जा रहा है। इसकी वजह राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि आय के जरिये कम हैं तो इसका असर संसाधनों पर भी पड़ता है।  

तो भरसार विवि राज्य कृषि विवि बनेगा  

सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार की मंशा है कि यदि पंत विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा दिया जाता है तो पर्याप्त बजट मिलेगा। केंद्रीय विवि को बजट काफी मिलेगा तो संसाधनों की कमी नहीं होगी तो शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा, जिसका लाभ किसानों को भी होगा। केंद्रीय विवि में इतना बजट मिलता है कि कुछ बजट बच जाता है। ऐसे में बचे बजट का इस्तेमाल वीरचंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिक विवि भरसार, पौड़ी को राज्य कृषि विवि के रूप में खड़ा किया जा सकता है। जबकि अभी तक बजट के अभाव में यह विवि खड़ा नहीं हो पा रहा है। इस विवि के विकसित होने पर राज्य के लोगों को ही लाभ मिलेगा।  

कृषि सचिव वीसी को भेजा पत्र 

कृषि सचिव डा. हरबंश सिंह चुघ ने पंत विवि के कुलपति डा. तेज प्रताप को पत्र भेजा है। साथ ही पंत विवि को केंद्रीय विवि घोषित करने के संबंध में विवि की प्रबंध परिषद का मंतव्य तत्काल उपलब्ध कराने को कहा है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द इसे केंद्रीय विवि का दर्जा मिल सकता है। इस तरह के पत्र से विवि के शिक्षक व कर्मचारी उत्साहित दिखे। शिक्षकों व कर्मचारियों की तनख्वाह में भी इजाफा होगा। केंद्र की सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा।

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