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गौला के सात हजार मजदूरों को नहीं सताएगी ठंड, पहली बार मिलेगी जैकेट

गौला में खनन कार्य के लिए आने वाले सात हजार मजदूरों को वन निगम पहली बार जैकेट उपलब्ध करवाएगा। निगम का दावा है कि मजदूरों को राहत सामग्री बांटने में इस बार देरी नहीं होगी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 12:40 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 12:40 PM (IST)
गौला के सात हजार मजदूरों को नहीं सताएगी ठंड, पहली बार मिलेगी जैकेट
गौला के सात हजार मजदूरों को नहीं सताएगी ठंड, पहली बार मिलेगी जैकेट

नैनीताल (जेएनएन) : गौला में खनन कार्य के लिए आने वाले सात हजार मजदूरों को वन निगम पहली बार जैकेट उपलब्ध करवाएगा। निगम का दावा है कि मजदूरों को राहत सामग्री बांटने में इस बार देरी नहीं होगी।

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रोजगार के लिहाज से गौला कुमाऊं में सबसे अहम साधन है। 7500 वाहन नदी में पंजीकृत है। मालिक, ड्राइवर, क्लीनर, श्रमिकों समेत करीब 50 हजार लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर इससे जुड़े हैं। वाहनों में उपखनिज भरने वाले मजदूर उप्र, बिहार व झारखंड से आते हैं। नवंबर से मई तक परिवार सहित इनका हल्द्वानी में डेरा होता है। वन निगम पंजीकरण करने के बाद इन्हें जूते, दस्ताने, मास्क, धोती व कंबल उपलब्ध करवाता है, लेकिन इस बार जैकेट भी बंटेंगे। इसके लिए बकायदा निगम ने निविदा आमंत्रित की है। वहीं, आरएम एमपीएस रावत ने बताया कि सुरक्षा किट और राहत सामग्री समय से बांटी जाएगी। अधिकारियों को जल्द टेंडर प्रक्रिया पूरी करवाने के निर्देश दिए गए हैं।

मालिक बन गए थे मजदूर : पिछले खनन सत्र में लालकुआं डिवीजन में राहत सामग्री बांटने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। दरअसल, कुछ वाहन स्वामियों ने भी गौला मजदूर कार्ड बनवा लिया था। उसके बाद धोती-कंबल लेने तक पहुंचे। निगम का कहना है कि श्रमिक सत्यापन को लेकर इस बार चूक नहीं होनी दी जाएगी।

घर जाते वक्त थमाया सामान : राहत सामग्री को लेकर हर साल लापरवाही नजर आती है। पिछली बार कुछ मजदूरों को घर जाते वक्त कंबल आदि मिले। जाड़ा खत्म होने के बाद सामान बांटने को लेकर श्रमिकों व वाहन स्वामियों ने नाराजगी जताई थी।

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