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व्रत की पूर्णिमा आज, गंगा स्नान व दान के लिए शनिवार उत्तम मुहूर्त

पूर्णमासी शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन विष्णु पूजन व जप-तप आदि करने का विशेष महत्व है। गंगा स्नान व दान की पूर्णिमा 27 फरवरी को मनाई जाएगी। माघ पूर्णिमा को माघ माह खत्म हो जाएगा। 28 फरवरी से फाल्गुन माह शुरू हो जाएगा।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 07:27 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 07:27 AM (IST)
व्रत की पूर्णिमा आज, गंगा स्नान व दान के लिए शनिवार उत्तम मुहूर्त
कहा जाता है कि माघ पूॢणमा पर सभी देवी-देवता प्रयागराज के संगम पर स्नान करने आते हैं।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : व्रत, दान व स्नान के लिए अहम मानी जाने वाली माघ पूर्णिमा इस बार दो दिन है। श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक व्रत की पूर्णमासी शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन विष्णु पूजन व जप-तप आदि करने का विशेष महत्व है। गंगा स्नान व दान की पूर्णिमा 27 फरवरी को मनाई जाएगी। माघ पूर्णिमा को माघ माह खत्म हो जाएगा। अगले दिन यानी 28 फरवरी से फाल्गुन माह शुरू हो जाएगा।

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ज्योतिषाचार्य डा. गोपाल दत्त त्रिपाठी ने अनुसार माघी पूॢणमा पर प्रयागराज के संगम पर स्नान करने का महत्व काफी अधिक है। अगर गंगा नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। स्नान करते समय गंगा का ध्यान करना चाहिए। कहा जाता है कि माघ पूॢणमा पर सभी देवी-देवता प्रयागराज के संगम पर स्नान करने आते हैं। प्रयाग में एक मास तक कल्पवास करते हैं। कल्पवास करने वाले साधु-संत माघ पूॢणमा के बाद अपने-अपने स्थान पर लौटने लगते हैं।

भगवान विष्णु की पूजा का विधान

पूॢणमा पर विष्णु की पूजा का विधान है। भगवान सत्यनारायण की कथा भी कर सकते हैं। सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु, लक्ष्मी, बालकृष्ण की पूजा करें। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करना चाहिए। जरूरतमंदों को खाना और धन, नए वस्त्र, कंबल, गुड़, फल आदि दान करें। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए बिल्व पत्र, धतूरा, हार-फूल सहित अन्य पूजन सामग्री भेंट करें। हनुमानजी के सामने धूप-दीप जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। सुंदरकांड का पाठ भी किया जा सकता है।

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