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अतीत के झरोखे से : जब मतदान केंद्र पर बम की झूठी सूचना ने उड़ाई थी नींद

वर्ष 1999 के आम चुनाव में एक व्यक्ति द्वारा मतदान की पूर्व संध्या पर कनालीछीना क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर बम होने की झूठी सूचना ने प्रशासन की नींद उड़ा दी थी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 01:19 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 01:19 PM (IST)
अतीत के झरोखे से : जब मतदान केंद्र पर बम की झूठी सूचना ने उड़ाई थी नींद
अतीत के झरोखे से : जब मतदान केंद्र पर बम की झूठी सूचना ने उड़ाई थी नींद

पिथौरागढ़, जेएनएन :  वर्ष 1999 के आम चुनाव में एक व्यक्ति द्वारा मतदान की पूर्व संध्या पर कनालीछीना क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर बम होने की झूठी सूचना ने प्रशासन की नींद उड़ा दी थी। मतदान के कुछ घंटों पूर्व दी गई इस झूठी सूचना से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। डॉग स्क्वाइड तक मंगाना पड़ा। मध्यरात्रि को सूचना के अफवाह होने का पता चला। मतदान के लिए तैयारियां चल रही थी़ं। मतदान की पूर्व संध्या पर पुलिस की अभिसूचना इकाई का जिले में नया नियुक्त कर्मचारी नगर के सिल्थाम चौराहे पर जानकारी जुटा रहा था। इसी दौरान एक व्यक्ति ने उसे एक पत्र थमा दिया। पुलिस कर्मी ने जब पत्र पढ़ा तो उसमें भौंतड़ी बूथ पर बम लगाए जाने की सूचना दी गई थी। इस सूचना पर एलआइयू कर्मी ने तत्काल कार्यालय पहुंच कर आला अधिकारियों को इसकी जानकारी दी । जिलाधिकारी को बताया गया। पूरा प्रशासन हरकत में आ गया।

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सांझ घिरने लगी तो निकट के राजस्व कर्मियों को बूथ पर जाकर स्थिति देखने को कहा गया। बूथ जिला मुख्यालय से लगभग तीस किमी दूर का था। तब संचार की भी व्यवस्था नहीं थी। राजस्व दल जब बूथ के निकट पहुंचा तो उस समय गांव में ग्रामीण खेतों के आसपास काट कर सुखाई गई कंटीली झाडिय़ों को जलाए थे जिससे धुंआ उठ रहा था। यह बूथ के निकट के खेतों में हुआ था। बूथ के पास धुंआ उठने की खबर मिलते ही खलबली मच गई। डॉग स्क्वॉयड मंगा कर प्रशासन और पुलिस की टीम रवाना हो गई। तब यहां पर क्षेत्र का अनुभव रखने वाले पुलिस क्षेत्राधिकारी तैनात थे। उन्होंने एलआइयू कर्मी को बुला कर पत्र देने वाले व्यक्ति का हुलिया और कपड़ों के बारे में पूछा। एलआइयू कर्मी के द्वारा हुलिया बताए जाने पर उन्होंने इसे झूठी अफवाह बताया। मौके पर पहुंची टीम को भी कुछ नहीं मिला और बूथ के पास खेतों में जलाए गए कूड़े का धुंआ उठने की पुष्टि हुई। झूठी अफवाह फैलाने वाला अब इस दुनिया में नहीं है, परंतु उसकी इस अफवाह से प्रशासन को हुई परेशानी का जिक्र लंबे समय तक लोगों की जुबान पर चढ़ा रहा।

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