सामरिक दृष्टि से कंडी मार्ग बनना जरूरी, वन मंत्री हरक बोले पीएम व एनएसए डोभाल से हो चुकी चर्चा
वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने शनिवार को कार्बेट के गिरिजा जोन के शुभारंभ के बाद प्रेसवार्ता में कही। बताया कि इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को अवगत करा चुके हैं। साथ ही एनएसए डोभाल से भी इस संदर्भ में बात की है।
जागरण संवाददाता, रामनगर (नैनीताल) : वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के जनमानस की भावना एवं जरूरत को देखते हुए रामनगर से कोटद्वार तक कंडी मार्ग खोला जाना जरूरी है। सामारिक दृष्टिकोण से भी ऐसा करना अहम है ताकि चीन सीमा पर सेना को जरूरत पडऩे पर रसद, हथियार एवं वाहनों की आवाजाही में दिक्कत न हो। वन मंत्री डा. हरक ने शनिवार को कार्बेट के गर्जिया पर्यटन जोन के शुभारंभ के बाद प्रेसवार्ता की।
उन्होंने कहा कि कंडी मार्ग के निर्माण के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को अवगत करा चुके हैं। साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी इस संदर्भ में बात की है।वन मंत्री ने कहा कि वह कंडी मार्ग को लेकर पूरा होम वर्क कर चुके हैं। मार्ग निर्माण में लगभग तीन हजार करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना है। इस मद में सरकार के पास पैसा नहीं है, फिर भी व्यवस्था कराने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कंडी मार्ग पर व्यवधान पैदा करने वाले एनजीओ को मार्ग निर्माण में सहयोग का सुझाव दिया।
कहा कि इस मार्ग के निर्माण से वन्यजीवों का अहित नहीं होगा बल्कि सुरक्षित रहेंगे। इस मार्ग के बनने से कुमाऊं और गढ़वाल की दूरी 80 किमी कम होगी हो जाएगी। अभी वाया बिजनौर होते हुए 160 किमी का सफर रामनगर-कोटद्वार के बीच आवागमन में होता है। साथ ही दोनों मंडलों की सभ्यता और संस्कृति का भी आदान-प्रदान होगा। कंडी मार्ग आज उत्तराखंड की जरूरत बन चुका है।