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22 जनवरी से फिर गूंजेगी पंत विश्वविद्यालय की जनवाणी, किसान घर बैठे सुनेंगे खेती-किसानी की बातें

पंतनगर जनवाणी सामुदायिक रेडियो सेवा शुक्रवार से फिर गूंजेगी। किसान घर बैठे ट्रांजिस्टर के माध्यम से खेती किसानी के तरीके जान सकेंगे। शिक्षक भी इस सेवा के माध्यम से बच्चों की कक्षाएं संचालित करा सकेंगे। यह कामयाबी पंत विवि की राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना के प्रयास से मिली है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 06:54 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 06:54 PM (IST)
22 जनवरी से फिर गूंजेगी पंत विश्वविद्यालय की जनवाणी, किसान घर बैठे सुनेंगे खेती-किसानी की बातें
करीब तीन माह पहले यह सेवा ट्रांसमीटर फूंक जाने से ठप हो गई थी।

जागरण संवाददाता, पंतनगर : तीन माह से बंद पंतनगर जनवाणी सामुदायिक रेडियो सेवा शुक्रवार से फिर गूंजेगी। जिससे किसान घर बैठे ट्रांजिस्टर के माध्यम से खेती किसानी के तरीके जान सकेंगे। शिक्षक भी इस सेवा के माध्यम से बच्चों की कक्षाएं संचालित करा सकेंगे। यह कामयाबी पंत विवि की राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (नाहेप) के प्रयास से मिली है। इसे लेकर विवि के विज्ञानी काफी उत्साहित हैं।   

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गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में पंतनगर जनवाणी रेडिया सेवा वर्ष, 2011 में स्थापित हुई थी। इससे किसानों को ट्रांजिस्टर के माध्यम से जोड़ा गया है। जनवाणी सेवा के माध्यम से विज्ञानी रबी व खरीफ मौसम में बुवाई, सिंचाई, कटाई, बीज की गुणवत्ता, कौन की फसल किस सीजन में लगाने, रोगों के निदान, उर्वरक व कीटनाशक का फसलों में प्रयोग करने, फूल व उद्यान की खेती करने आदि की जानकारी दी जाती है।

करीब तीन माह पहले यह सेवा ट्रांसमीटर फूंक जाने से ठप हो गई थी। अब नाहेप ने इसे चलाने की पहल की है। नाहेप ने ट्रांसमीटर की मरम्मत कराने के साथ रेडियो स्टेशन के लिये आनलाइन यूपीएस की भी व्यवस्था की है। जिससे भविष्य में ट्रांसमीटर न फुंके।

निदेशक संचार डा. एसके बंसल ने कहा कि नाहेप के सहयोग से प्रसारण फिर शुरू होने जा रहा है। यह प्रयास काफी प्रशंसनीय है। सह निदेशक संचार एवं विभागाध्यक्ष डा. नीलम भारद्वाज ने बताया कि कृषि संचार विभाग के विशेषज्ञों के कुशल देख रेख में यह प्रसारण आगे भी जारी रखा जाएगा।

पंतनगर जनवाणी सेवा को मिल चुके हैं चार पुरस्कार

कृषि महाविद्यालय के डीन डा. शिवेंद्र कश्यप ने बताया कि जनवाणी सेवा को देश में चार बार राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार मिल चुका है। कृषि से जुड़े उत्कृष्ट कार्यक्रमों से रेडियो सेवा ने क्षेत्र में अपनी साख खड़ी की। वर्ष, 2020 सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर व सचिव अमित खरे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया। इससे पहले अरुण जेटली भी सम्मानित कर चुके हैं। जनवाणी सेवा को निर्बाध रूप से चलाने में कर्मियों ने अथक परिश्रम किया। यहीं नहीं सैंकड़ों जागरूक कृषक जैसे अविनाश कुमार गुप्ता, पदमलोचन विश्वास आदि ने कार्यक्रम निर्माण में अहम सहयोग किया।

साहित्यकारों व शिक्षकों ने भी प्रस्तुत किए कई कार्यक्रम

जनवाणी सेवा में न सिर्फ किसानों को खेती करने के तरीके ही बताए जाते रहे हैं, बल्कि क्षेत्र के कवियों एवं साहित्यकारों ने अपने प्रयासों से साहित्य संगम और महफिल जैसे कार्यक्रम भी दिए हैं। कई विद्यालयों के शिक्षकों ने भी निरन्तर स्कूली बच्चों के लिए रेडियो पाठशाला का प्रसारण किया। जनवाणी सेवा ने रिकार्ड 20 हजार घंटे से ज्यादा के उत्कृष्ट कार्यक्रम बनाए हैं।


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