पूर्व मुख्यमंत्रियों को नहीं मिली हाई कोर्ट से राहत, जमा करना ही होगा किराया
हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों की सरकारी आवास व अन्य सुविधाओं का बकाया माफ करने सम्बंधित पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है।
नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास समेत अन्य सुविधाओं का बकाया चुकाना ही होगा। हाई कोर्ट ने बकाया किराया जमा करने के आदेश के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व पूर्व सीएम विजय बहुगुणा की पुनर्विचार याचिका को निरस्त कर दिया है। कोश्यारी ने खुद की माली हालत का हवाला देते हुए बकाया जमा करने में असमर्थता जताई थी। जबकि बहुगुणा ने बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश व सांसद के तौर पर सेवाओं को ध्यान में रखने को आधार बनाया था। साथ ही यह भी कहा था कि उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका का कानूनी आधार नहीं होने पर निरस्त कर दिया।
देहरादून की रूरल लिटीगेशन एंड इन्टाइटिलमेंट केंद्र (रूलक) संस्था ने 2010 में जनहित याचिका दायर कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार द्वारा उपलब्ध कराए सरकारी आवास समेत अन्य सुविधाएं दिए जाने को चुनौती दी थी। कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास समेत सुविधाओं का बकाया वसूला जाए। याचिकाकर्ता ने अपने स्रोतों से जुटाई जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्रियों से करीब 14 करोड़ बकाया वसूली की मांग की थी। इसी साल मई में हाई कोर्ट ने छह माह के भीतर किराया समेत सुविधाओं का ब्यौरा तैयार कर पूर्व मुख्यमंत्रियों से बकाया की वसूली का आदेश पारित किया था। इसके खिलाफ कोश्यारी व बहुगुणा ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता के अनुसार कोर्ट ने साफ किया है कि पूर्व के फैसले को चुनौती देने का कोई कानूनी आधार नहीं है। हमारा पक्ष नहीं सुना गया जैसा तथ्य काननूी आधार के दायरे में नहीं आ सकता। कोर्ट के आदेश से पूर्व मुख्यमंत्रियों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है।
पूर्व सीएम पर बकाया है 2.85 करोड़
सरकार की ओर से कोर्ट में पेश रिपोर्ट में कहा गया था कि पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों पर करीब 2.85 करोड़ बकाया है। इसमें पूर्व सीएम व वर्तमान एचआरडी मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक पर 40.85 लाख, बीसी खंडूरी पर 46.95 लाख, विजय बहुगुणा पर 37.50 लाख, भगत सिंह कोश्यारी पर 47.57 लाख, पूर्व सीएम स्व.एनडी तिवारी पर 1.13 करोड़ बकाया है। इस आदेश के खिलाफ कोश्यारी व बहुगुणा द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी।
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