मानसून में वन विभाग का 14.38 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य, 57 हेक्टेयर में हाथी का प्रिय बांस लगेगा
मानूसन की शुरुआत के साथ वन विभाग का पौधारोपण अभियान भी शुरू हो जाएगा। वेस्टर्न सर्किल की डिवीजनों में 14.38 लाख पौधे लगाए जाएंगे। रेंज स्तर से लक्ष्य का आकलन करने के बाद 2119.06 हेक्टेयर जमीन का चयन हो चुका है।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी: मानूसन की शुरुआत के साथ वन विभाग का पौधारोपण अभियान भी शुरू हो जाएगा। वेस्टर्न सर्किल की डिवीजनों में 14.38 लाख पौधे लगाए जाएंगे। रेंज स्तर से लक्ष्य का आकलन करने के बाद 2119.06 हेक्टेयर जमीन का चयन हो चुका है।
तराई केंद्रीय डिवीजन की 57.96 हेक्टेयर वनभूमि पर बांस का जंगल भी तैयार होगा। विभाग के मुताबिक रोहिणी के बाद बांस हाथी के पसंदीदा भोजन में से एक है। बांस की भरपूर मात्रा में उपलब्धता होने पर हाथियों का आबादी की तरफ आने का सिलसिला भी कम होगा।
वन विभाग हर साल मानूसन के आने पर पौधारोपण अभियान भी शुरू करता है। रेंज स्तर पर जमीन ढूंढने के बाद संख्या का निर्धारण किया जाता है। वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त कार्यालय के मुताबिक बहुद्देश्यीय वनों का संरक्षण और कैंपा परियोजना का लक्ष्य अलग है। कुल मिलाकर 1438058 पौधे इस सीजन में रोंपे जाएंगे।
इसमें स्थानीय प्रजातियों के अलावा मिश्रित जंगल को भी तवज्जो दी जाएगी। तराई की कुछ डिवीजन में इमारती इस्तेमाल की प्रजाति भी मिलेगी। इसके अलावा आंवला, जामुन, बेल, हरड़, बहेड़ा आदि को लगाकर वन्यजीवों के भोजन की उपलब्धता को और बढ़ाने का प्रयास होगा। तय समय में लक्ष्य पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में अस्थायी श्रमिक जुटाए जाएंगे।
रामनगर डिवीजन में प्राकृतिक जंगल, प्लांटटेशन नहीं
वेस्टर्न सर्किल के तहत आने वाला रामनगर वन वन प्रभाग ऐसी डिवीजन है। जहां प्लांटटेशन के तौर पर एक भी पौधा नहीं रोका जाएगा। डीएफओ सीएस जोशी ने बताया कि यह डिवीजन प्राकृतिक और घने जंगल के जानी जाती है। इसलिए पिछले साल की तरह इस बार भी प्लांटटेशन नहीं होगी। वहीं, अन्य डिवीजनों के मुकाबले इस डिवीजन का क्षेत्रफल भी कम है।
डिवीजन वार आंकड़ा
डिवीजन हेक्टेयर क्षेत्र पौधों की संख्या
हल्द्वानी वन प्रभाग 209हे. 198700
तराई केंद्रीय प्रभाग 725.99 हे. 504075
तराई पूर्वी प्रभाग 831.50 हे. 511750
तराई पश्चिमी प्रभाग 352.57 हे. 223533
जुलाई में ही लक्ष्य पूरा करने की कोशिश
वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त दीप चंद्र आर्य ने बताया कि कोशिश रहेगी कि जुलाई माह में ही लक्ष्य को पूरा कर लिया जाए। रेंज स्तर तक लक्ष्य तय हो चुके हैं। पौधरोपण को लेकर सभी डिवीजनों में पूरी तैयारी है। स्थानीय के अलावा मिश्रित वन को तरजीह दी जाएगी। ताकि पर्यावरण संतुलन भी बना रहे।