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तराई के जंगल में खैर बचाने के लिए वन विभाग अलर्ट, तस्करों पर सख्त नजर रखने के निर्देश

तराई के जंगल में खैर तस्कर की सक्रियता को देखते हुए वन विभाग सचेत हो गया है। इस दौरान किसी तरह की कोताही न बरतने के निर्देश रेंजरों को दिए गए हैं। रेंजरों की ओर से फील्ड स्टाफ को भी विशेष निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 09:36 AM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 09:36 AM (IST)
तराई के जंगल में खैर बचाने के लिए वन विभाग अलर्ट, तस्करों पर सख्त नजर रखने के निर्देश
तराई के जंगल में खैर बचाने के लिए वन विभाग अलर्ट, तस्करों पर सख्त नजर रखने के निर्देश

रामनगर, जेएनएन : दीवाली के मौके पर तराई के जंगल में खैर तस्कर की सक्रियता को देखते हुए वन विभाग सचेत हो गया है। इस दौरान किसी तरह की कोताही न बरतने के निर्देश रेंजरों को दिए गए हैं। रेंजरों की ओर से फील्ड स्टाफ को भी विशेष निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं। तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर के अलावा जिला उधमसिंह नगर के बाजपुर, जसपुर व काशीपुर तक फैला हुआ है। ऐसे में यहां सबसे ज्यादा खैर के पेड़ काटकर लकड़ी की तस्करी काफी होती है। आए दिन खैर तस्कर पकड़े भी जाते हैं। तराई के जंगल में खैर तस्कर ज्यादा सक्रिय है। क्योंकि खैर की लकड़ी की महानगरों की फैक्ट्रियों में ज्यादा मांग है। खैर कत्था बनाने के काम आता है।

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ऐसे में इस लकड़ी की तस्करी करने वाले स्थानीय गिरोह का नेटवर्क उधमसिंहनगर में फैला हुआ है। कई बार लकड़ी तस्कर वन कर्मियों पर गोली तक चला देते हैं। इतना ही नही कई लोग मांस के लिए चीतल, सुअर का शिकार भी करते हैं। वह कभी शिकार के लिए विस्फोटक रखने तो कभी फंदा लगाते हैं। चीतल सुअर के शिकार के लिए लगाए फंदे में बाघ व गुलदार फंसकर मारे जाते हैं। शिकार के लिए लोग दीवाली में व्यस्तता का फायदा उठाते हैं।

ऐसे में बुधवार रात में डिविजन में डीएफओ हिमांशु बागरी ने छह रेंजरों के साथ बैठक की। बैठक में शिकार, खनन व लकड़ी कटान की रोकथाम को लेकर चर्चा की गई। तय किया गया कि रेंजर अपने क्षेत्रों में बिना वजह घूमने वाले लोगों पर नजर रखेंगे। इसके अलावा मुखबिरों को भी सक्रिय किया जाएगा। घटना की किसी तरह की कोई सूचना मिलने पर डिविजन स्तर पर तत्काल कार्रवाई के लिए कर्मचारियों की अलग से एक टीम गठित की गई। इस दौरान दो रेंजों के कर्मचारी सामूहिक गश्त भी करेंगे। डीएफओ बागरी ने कहा कि फील्ड स्टाफ द्वारा रोजाना की जाने वाली गश्त की रेंजरों द्वारा मॉनिटरिंग की जाएगी।


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