वन निगम का दावा, तस्करी से नहीं आंधी से गिरे पेड़, एसडीओ, रेंजर और बीट अधिकारी ने जंगल का निरीक्षण कर मौके की करवाई फोटोग्राफी
विभाग का दावा है कि इन पेड़ों का कटान तस्करों द्वारा नहीं करवाया गया बल्कि दस मई को आंधी-तूफान की वजह से 334 पेड़ गिर गए थे। जिसके बाद वन निगम को यह लाट आवंटित की गई थी। छपान का काम पूरा हो चुका है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जिला पंचायत सदस्य द्वारा दानीबंगर में पेड़ों के कटान की शिकायत करने के बाद बुधवार को डीएफओ संदीप कुमार के निर्देश पर एसडीओ, रेंजर और बीट अधिकारी ने जंगल का निरीक्षण कर मौके की फोटोग्राफी करवाई। विभाग का दावा है कि इन पेड़ों का कटान तस्करों द्वारा नहीं करवाया गया, बल्कि दस मई को आंधी-तूफान की वजह से 334 पेड़ गिर गए थे। जिसके बाद वन निगम को यह लाट आवंटित की गई थी। छपान का काम पूरा हो चुका है। जल्द वन निगम जंगल से डिपो में लकड़ी का ढुलान शुरू कर देगा।
गौलापार की जिला पंचायत सदस्य निवेदिता रविशंकर जोशी ने दानीबंगर रेंज की किशनपुर बीट से खैर व सागौन के गिरे पेड़ों की फोटो, शिकायती पत्र मंगलवार को डीएफओ कार्यालय में उपलब्ध करवाते हुए वनकर्मियों की भूमिका को संदिग्ध बताया था। जिसके बाद डीएफओ संदीप कुमार ने बुधवार सुबह एसडीओ धु्रव सिंह मर्तोलिया, रेंजर केसी कफल्टिया व बीट अधिकारी विनोद कुमार जोशी को जंगल का निरीक्षण करने को कहा। वहीं, अफसरों का कहना है कि तस्करी की सूचना गलत है। आंधी से पूरे गिरे और आधे उखड़े पेड़ों की विभाग खुद वन निगम के माध्यम से नीलामी करवा रहा है। इसके अलावा जंगल के संपर्क मार्गों पर पेड़ों को भी विभाग ने ही हटवाया था। ताकि गश्ती वाहन आसानी से निकल सकें।