लोकगायक पप्पू कार्की की विरासत संभाल रहा मासूम दक्ष
कुमाऊंनी गीत 'सुन ले दगड़िया बात सुणी जा' की गीत से लोकप्रिय हो रहे हैं मासूम दक्ष।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: कुमाऊंनी गीत 'सुन ले दगड़िया बात सुणी जा' की धुन बजते ही लोगों के जेहन में लोकगायक स्व. पप्पू कार्की की यादें ताजा हो जाती है। अब कार्की के सात साल के बेटे दक्ष ने इस गीत को अपने पिता के ही अंदाज में गाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। रविवार सुबह यू-ट्यूब पर अपलोड हुए गीत के वीडियो को शाम तक 65 हजार लोग देख चुके थे। जिससे पप्पू कार्की के प्रशंसकों की उम्मीदें भी बढ़ी हैं कि उनकी विरासत को दक्ष आगे बढ़ाएगा।
नौ जून को हैड़ाखान के पास हुए कार हादसे में लोकगायक पप्पू कार्की की मौत हो गई थी। जमीनी संघर्ष और आवाज के दम पर उन्होंने उत्तराखंड से लेकर विदेश तक कुमाऊंनी संस्कृति के रंग गीतों के जरिये बिखेरे थे। पप्पू के बेटे दक्ष ने इस गीत को अपने स्टूडियो में दोबारा रिकॉर्ड किया है। पिता द्वारा बनाए गए यू-ट्यूब चैनल पीके इंटरटेनमेंट पर गीत को अपलोड किया गया है। यू-ट्यूब पर इसे पंसद करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
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मां से कहा इसी गाने को गाऊंगा
पिता का यह गीत अक्सर दक्ष की जुबान पर रहता है। मां कविता कार्की ने बताया कि जब दक्ष से पूछा गया कि वह कौन सा गाना गाएगा तो उसने इसी गाने के बोल गुनगुनाए। जिसके बाद रिकॉर्डिग की गई।
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वीडियो में पप्पू की झलकियां
कविता ने बताया कि बेटे ने यह गाना अपने पिता को श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित किया है। वीडियो में दक्ष के साथ पप्पू की झलकियां भावुक करती है। बेटे का बर्थ-डे मनाने, हारमोनियम सिखाने से लेकर और स्टूडियो की पुरानी यादें इस वीडियो में शामिल है।
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दक्ष का मन होने पर दिलाउंगी तालीम
दक्ष के स्कूल में कई गाने रिकॉर्ड हो चुके हैं। कविता ने बताया कि बेटा नृत्य की बारीकियां भी सीख रहा है। हालांकि अभी पूरा ध्यान उसकी पढ़ाई पर है। उनका कहना है कि अगर दक्ष का मन होगा तो उसे संगीत की तालीम भी दिलाउंगी।
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पप्पू के सपने पूरे करेगा
लोकगायक पप्पू कार्की के साथ काम कर चुके देवेंद्र पांगती देवु ने बताया कि वह अक्सर दक्ष को संगीत की तालीम देता था। उसका सपना था कि बेटा बड़ा मुकाम हासिल करे। क्षेत्रीय संगीत में पप्पू का खास प्रभाव था। अब पप्पू के सपने बेटा पूरे करेगा।
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रिकॉर्डिग में इनका सहयोग
कविता ने बताया कि देवेंद्र पांगती देवु के अलावा संजय आर्या, मोहित और भूपेंद्र मनोला ने रिकॉर्डिग में काफी सहयोग किया। इन्होंने लंबे समय तक पप्पू के साथ काम किया था। वहीं इंस्प्रेशन स्कूल के संगीत शिक्षक संजय गोस्वामी ने दक्ष की आवाज को निखारने में मेहनत की।
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लोगों की प्रतिक्रिया
-दक्ष आपका यह गाना सुनकर पप्पू कार्की की याद आ गई।
-जितनी अच्छी वीडियो है उतनी अच्छी आवाज।
-दक्ष पप्पू कार्की की तरह उत्तराखंड का नाम रोशन करना।
-गीत सुनकर आंखों में आंसू आ गए, हमेशा आगे बढ़ना बेटा।
-जितनी बार सुनो, उतना कम।
-दक्ष तेरी आवाज सुनकर भैया की याद आ गई।