पुष्प उत्पादक स्थानीय मंडी में बेच सकेंगे फूल, संशोध्ाित विधेयक विधानसभा में पारित
बुधवार को उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी विकास एवं विनियमन संशोधन विधेयक के विधानसभा में पारित होने के बाद नैनीताल जिले के पुष्प उत्पादकों की राह आसान हुई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : कृषि उत्पाद मंडी समिति परिसर में अब फूलों की भी बिक्री होगी। बुधवार को उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी विकास एवं विनियमन संशोधन विधेयक के विधानसभा में पारित होने के बाद नैनीताल जिले के पुष्प उत्पादकों की राह आसान हुई है। अभी तक मंडी में फूलों की बिक्री का प्रावधान नहीं था, लेकिन अब फूलों को मंडी से बेचने के साथ ही उन्हें दुकान आवंटित किए जाने के साथ अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी। इससे जिले के दस हजार से ज्यादा किसानों को फायदा मिलेगा।
जिले के पर्वतीय व भाबरी क्षेत्र में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलाई, लिलियम व गेंदे के फूल की खेती की जाती है। कुमाऊं की सबसे बड़ी मंडी हल्द्वानी में बिक्री की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण किसानों को दिल्ली सहित आसपास के राज्यों में फूल बेचने पड़ते हैं। इससे ढुलान व आने-जाने में मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा चला जाता है। हल्द्वानी की मंगलपड़ाव फूल मंडी में तकरीबन बीस दुकानदार कारोबार करते हैं, लेकिन यहां भी ज्यादातर फूल बाहर से ही आता है। अब स्थानीय स्तर पर कृषि मंडी में फूलों की बिक्री के लिए अनुमति मिलने के बाद किसानों को मोल-भाव करने का मौका मिलने के साथ ही अच्छे दाम भी मिलेंगे। साथ ही मुनाफा बढऩे से पुष्प उत्पादन को बढ़ावा मिलने के साथ ही आर्थिक रूप से किसानों को मजबूती मिलेगी।
नैनीताल जिले में पुष्प उत्पादन की स्थिति
पुष्प क्षेत्रफल उत्पादन
जरबेरा 14.00 252.00
कारनेशन 3.50 73.55
ग्लेडियोलाई 21.11 31.85
लिलियम 8.50 15.84
गेंदा 12.50 150.25
नोट: क्षेत्रफल हेक्टेयर में व उत्पादन मीट्रिक टन में।
स्थानीय से खत्म होगी समस्या
भावना जोशी, डीएचओ, नैनीताल ने बताया कि सबसे बड़ी बात है कि इससे किसानों को स्थानीय मंडी में ही पुष्प के अच्छे दाम मिलेंगे, जिससे अन्य किसान भी पुष्प उत्पादन के लिए प्रेरित होंगे और उत्पादन का क्षेत्रफल भी बढ़ेगा।
यह भी पढ़ें : यूसीडीएफ प्रबंध समिति से पांच सदस्यों की इस्तीफे की चर्चा से गरमाई राजनीति
यह भी पढ़ें : मैक्स अस्पताल में तैनात कार्डियो सर्जन डॉ. राहुल चंदोला एसटीएच में सेवा देंगे