परिवहन निगम के पांच वादे जो अब तक हैं अधूरे, जानिए उन वादों के बारे में
परिवहन निगम की हालत दिन-प्रतिदिन खस्ता होती नजर आ रही हैं। एक तरफ जहां निगम जर्जर पड़ी पुरानी बसों से संचालन करने को मजबूर हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : परिवहन निगम की हालत दिन-प्रतिदिन खस्ता होती नजर आ रही हैं। एक तरफ जहां निगम जर्जर पड़ी पुरानी बसों से संचालन करने को मजबूर हैं। वहीं विभाग के ऊंचे पदों पर बैठे आला अधिकारियों की ओर से की गई घोषणाओं का जमीनी स्तर पर न उतरने के कारण निगम के साथ-साथ आमजन को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।
1: महिला आरक्षण
निगम की बसों में महिला यात्रियों के लिए सीट में आरक्षण ना होने के कारण दूर-दराज को सफर कर रही महिलाओं को बसों में भीड़ होने पर खड़े होकर ही सफर करना पड़ता हैं। जिस कारण महिलाओं को काफी दिक्कतें होती हैं। महिलाओं की इस परेशानी को देखते हुए पिछले वर्ष प्रदेश सरकार ने निगम की बसों में महिलाओं को सीट में आरक्षण दिए जाने की घोषणा की थी, जिस निगम में सफर कर रही महिलाओं को दिक्कतों का सामना न करना पड़े, लेकिन आज तक सरकार की यह घोषणा सिर्फ हवा-हवाई ही बनकर रह गई।
2: महिला सुरक्षा
बसों में महिलाओं के प्रति बढ़ती बदसलूकी व छेड़छाड़ के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए पिछले वर्ष प्रदेश सरकार ने निगम की बसों में सीसीटीवी कैंमरे लगवाए जाने की घोषणा की थी। जिससे बसों में महिलाओं से होने वाली घटनाओं पर रोक लगाया जा सके साथ ही उन्हें एक सुरक्षित सफर का एहसास करवाया जा सके। लेकिन आज तक सरकार की यह घोषणा सिर्फ जमीनी स्तर पर सिर्फ हवा-हवाई ही बनकर रह गई।
3: कुमाऊं दर्शन
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल मई में प्रदेश सरकार ने कुमाऊं दर्शन यात्रा सेवा की शुरुआत की थी। इसका मकसद लोगों को कुमाऊं के धार्मिक स्थलों के दर्शन करवाना था, लेकिन दुर्भाग्यवश सरकार की ये योजना भी सिर्फ कुछ दिनों तक ही लोगों को सेवा प्रदान कर पाई। यह सेवा भी फिलहाल लंबे समय से बंद पड़ी हुई हैं।
4: नई बसों की खरीद
वर्तमान में परिवहन निगम में अधिकांश बसें अपनी मानकों को पुरा कर चुकी हैं, जिस वजह से आए-दिन निगम के साथ-साथ यात्रियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। बसों कि इस दूर-दशा को देखते हुए शासन ने पिछले वर्ष लगभग तीन सौ नई बसों की खरीद करने की घोषणा की थी। लेकिन यह घोषणा आज तक सिर्फ घोषणा ही बनकर रह गई।
5 : जीपीएस व स्पीड गवर्नर
शासन ने बस चालकों के मनमानी तरीके से बसों के संचालन पर रोक लगाने व उनकी गतिविधियों पर नजर लगाने के लिए बसों के स्पीड गवर्नर व जीपीएस लगाने के निर्देश दिए थे। बसों में जीपीएस व स्पीड गवर्नर के लग जाने से परिवहन विभाग के अधिकारी अपने चैंबर में बैठ कर बसों की रफ्तार और उसकी गतिविधियों का जायजा लेते रहेंगे। लेकिन आजतक निगम की बसों में न ही तो स्पीड गवर्नर लगाएं गए है और न ही तो जीपीएस।
शासन स्तर की हैं घोषणाएं
यशपाल सिंह, आरएम संचालन काठगोदाम ने बताया कि शासन के स्तर से की गई घोषणाओं का मुख्यालय से ही देख-रेख होता है। नई योजनाओं व घोषणाओं के बारे में वही क्या चल रहा है इसके बारे में हमे अधिक सुचना नहीं प्राप्त होती हैं। और जहां तक कुमाऊं दर्शन की बात है तो, यात्रियों के अभाव के कारण यह योजना प्रभावित हुई हैं।
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