Uttarakhand News : कम हरियाली वाली जमीन को घने जंगल में बदलेंगे पांच आइएफएस
वनसंपदा व वन्यजीव की सुरक्षा और हरियाली का दायरा बढ़ाना वन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी है। लेकिन जंगल के अंदर डी-ग्रेड वनभूमि अलग ही नजर आती है। डी ग्रेड का मतलब वह क्षेत्र है जो कि प्लांटेशन के नक्शे से बाहर रहता है।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : वनसंपदा व वन्यजीव की सुरक्षा और हरियाली का दायरा बढ़ाना वन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी है। लेकिन जंगल के अंदर डी-ग्रेड वनभूमि अलग ही नजर आती है। डी ग्रेड का मतलब वह क्षेत्र है जो कि प्लांटेशन के नक्शे से बाहर रहता है। प्राकृतिक तौर पर भी यहां पेड़ों का घनत्व काफी कम होता है।
उबड़-खाबड़ और रोखड़ वाली भूमि होने की वजह से भी यह दिक्कत आती है। लेकिन भविष्य में आरक्षित वन का यह हिस्सा भी घने जंगल की तरह नजर आएगा। नैनीताल और ऊधम सिंह नगर जिले में आनी वाले 67 हेक्टेयर डी ग्रेड जमीन पर हरियाली लाने का जिम्मा पांच आइएफएस ने लिया है। वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त और डीएफओ इस मुहिम से जुड़ चुके हैं।
वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त दीप चंद्र आर्य के अनुसार मार्च में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के डीजी ने सुझाव पत्र के जरिये डी ग्रेड जमीन को संवारने के लिए कहा था। वेस्टर्न सर्किल के तहत पांच वन प्रभाग आते हैं। तराई पूर्वी डीएफओ के अवकाश पर होने की वजह से बाकी चार डीएफओ और खुद वन संरक्षक ने अपने लिए डी-ग्रेड जंगल का चयन कर लिया है।
निगरानी वाला जंगल जसपुर से लेकर खटीमा तक के हिस्से में आता है। अधिकारियों के अनुसार जल्द यहां अलग-अलग प्रजातियों के पौधे रोंपने का काम शुरू होगा। स्थानीय प्रजातियों से लेकर वन्यजीवों के आहार वाली प्रजातियों को महत्व मिलेगा। वन संरक्षक का कहना है कि इस काम के लिए अलग से बजट नहीं मांगा जाएगा। डीएफओ अपने स्तर से प्रयास में जुटेेंगे।
रनसाली से लेकर अपर कोसी रेंज शामिल
वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त दीप चंद्र आर्य ने तराई पूर्वी डिवीजन की रनसाली रेंज में 20 हेक्टेयर वनभूमि को चिन्हित किया है। तराई केंद्रीय डिवीजन के डीएफओ वैभव कुमार ने टांडा में 11.25 हेक्टेयर, डीएफओ तराई पश्चिमी कुंदन कुमार सिंह ने उत्तरी जसपुर में 10 हेक्टेयर और डीएफओ हल्द्वानी डिवीजन बाबूलाल ने ककराली ब्लाक में 16 हेक्टेयर डी ग्रेड जंगल को आबाद करने का जिम्मा लिया है।
तराई पश्चिमी डिवीजन के डीएफओ कुंदन कुमार सिंह के पास वर्तमान में रामनगर डिवीजन का अतिरिक्त चार्ज है। यहां कोसी रेंज में 10 हेक्टेयर वनभूमि का चयन किया गया है।
वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त दीप चंद्र आर्य ने बताया कि डीजी फारेस्ट के सुझाव को लेकर प्रस्ताव तैयार हो चुका है। डीएफओ के अलावा मैंने खुद भी डी ग्रेड वनभूमि चिन्हित की है। प्रस्तावित क्षेत्र को ज्यादा घनत्व वाले जंगल में बदलने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।