जानिए कैसे देर रात नैनीताल के होटल में लग गई भीषण आग
नैनीताल के होटल माउंट में बीती रात मैनेजर किशन कुमार हीटर जलाने के बाद सो गया। अचानक हीटर से बिस्तर में आग सुलग गई देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। मैनेजर की नींद खुली तो कमरा धुंए से भरा पड़ा था।
नैनीताल, जागरण संवाददता : शहर में आग की घटनाओं का सिलसिला नहीं थम रहा है। बीती रात थाना तल्लीताल क्षेत्र अंतर्गत होटल के कमरे में आग लग गई। फायर ब्रिगेड व पुलिस की सक्रियता से आग पर जल्द काबू कर लिया गया। आग से होटल का मैनेजर भी बाल बाल बच गया, जबकि कमरे में बेड, टीवी व मोबाइल जलकर खाक हो गए। कमरे में हीटर जला रहने के कारण आग लगी ऐसा माना जा रहा है।
शहर के बिड़ला रोड के निकट होटल माउंट एन लेक है। जो दिल्ली के व्यक्ति ने लीज पर लिया है। बीती रात होटल का मैनेजर किशन कुमार हीटर जलाने के बाद सो गया। अचानक हीटर से बिस्तर में आग सुलग गई, देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। मैनेजर की नींद खुली तो कमरा धुंए से भरा पड़ा था। किसी तरह बाहर आकर मैनेजर ने जान बचाई और कर्मियों व फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी। सूचना पर तत्काल फायर सर्विस नैनीताल की यूनिट घटनास्थल के लिए रवाना हुई। घटनास्थल पर पहुंचकर देखा तो आग भीषण रूप से होटल कमरे में लगी थी। जहां पर फायर सर्विस यूनिट द्वारा कड़ी मशक्कत कर मिनी हाई प्रेशर से लगातार आग पर पानी डालकर आग को पूर्ण रूप से बुझाया गया।
फायर सर्विस यूनिट की त्वरित कार्रवाई से आग से कोई जनहानि नहीं हुई। मौके पर मौजूद तल्लीताल थाने के पुलिस फोर्स द्वारा भी राहत एवं बचाव कार्य तत्परता से किया गया। जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। होटल मैनेजर ने बताया कि कमरे में बिस्तर, टीवी और अन्य उपकरण जल कर खाक हो गए। आग पर काबू पाने में एफएसएसओ चंदन राम आर्य, लीडिंग फायरमैन प्रकाश मेर, विपिन बडोला, सुरेंद्र कुमार, मनोज भट्ट, राजेंद्र सिंह, मोहम्मद उमर, जितेंद्र कुमार, दीपक सूटेडी आदि जुटे रहे।
नैनीताल में शीत काल में ही घटित होते हैं अधिकांश अग्निकांड
शहर में शीतकाल के दौरान आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं है। नैनीताल में अधिकतर अग्नि कांड शीतकाल के दौरान ही घटित होते हैं। शहर में ठंड होने के कारण हीटर और ब्लोअर चलाने के चलते कई घटनाएं हो चुकी है। बीते वर्षों में भी कई घटनाओं में करोड़ों की संपत्ति जलकर राख होने के साथ ही कई लोगों ने जान गवाई है। ऐसे में सोने के पहले बंद कर ही सोएं। वरना बंद कमरे का आक्सीजन खत्म होने के साथ आग लगने की आशंका रहती है।
शहर में बीते वर्षों में हुए अग्निकांड और नुकसान
- मार्च 2021- शहर के समीप कैलाखान केंट क्षेत्र में आवासीय भवन राख- जांच जारी
- दिसंबर 2020- बड़ा बाजार क्षेत्र में आग लगने से एक की मौत, लाखों का सामान राख
- 2019- बजेठिया हाउस शेरवानी- डेढ़ करोड़
- 2019- मेट्रोपोल- 25 लाख
- 2019- बीएसएनएल एक्सचेंज- जांच जारी
- 2018- भारत टेंट हाउस तल्लीताल- 14.25 लाख
- 2018- शेरवानी कंपाउंड- एक की मौत, 15 लाख
- 2018- मेहरा मेडिकोज मल्लीताल- सात लाख
- 2016- जिला पंचायत रोड- पांच लाख
- 2015- केएमवीएन कार्यालय- जांच जारी
- 2014- मल्लीताल बड़ा बाजार- 19 लाख
- 2013- मेट्रोपोल क्षेत्र- दो लाख
- 2013- शेरवुड क्षेत्र- चार लाख
- 2013- राजभवन- 2.7 लाख
- 2013- डीएम कार्यालय परिसर- नौ लाख
- 2012- हल्द्वानी रोड क्षेत्र- 2.50 लाख
- 2010- मेविला कंपाउंड- तीन लाख
- 2010- डीएम कार्यालय- तीन करोड़