मिलावटखोरी की या बिना लाइसेंस के दुकान चलती मिली तो पांच लाख तक का जुर्माना
दीपावली का त्योहार नजदीक है। ऐसे में बाजार में मिठाई मावा दूध पनीर घी तेल की खूब खपत होती है। जिसकी आड़ में मिलावटखोरी और नकली माल भी खूब खपाया जाता है। कई तरह के केमिकल मिलाकर बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होते हैं।
हल्द्वानी, भानु जोशी : दीपावली का त्योहार नजदीक है। ऐसे में बाजार में मिठाई, मावा, दूध, पनीर, घी, तेल की खूब खपत होती है। जिसकी आड़ में मिलावटखोरी और नकली माल भी खूब खपाया जाता है। कई तरह के केमिकल मिलाकर बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होते हैं। इस बार वैसे भी कोरोना संक्रमण परेशानी की वजह बना हुआ है।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने ऐसे मिलावटखोरों को पकडऩे के लिए नई कार्ययोजना तैयार की है। विभाग के अभिहीत अधिकारी बीएस रावत ने बताया कि मिलावटखोरी, गुणवत्ता विहीन खाद्य सामग्री बेचने, बिना लाइसेंस खाद्य पदार्थ बेचने जैसे मामलों में छह माह जेल की सजा व दो लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। इस संबंध में उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा की है।
32 सैंपल जांच को भेजे
खाद्य सुरक्षा विभाग ने अभियान शुरू कर दिया है। बाहर से मावा, पनीर, दूध, घी, खाद्य तेल लेकर आने वाले वाहनों से अब तक 32 सैंपल लेकर जांच को भेजे जा चुके हैं।
इन मामलों में है सजा का प्रावधान
- रजिस्ट्रेशन नहीं : यदि प्रतिष्ठान बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा है तो खाद्य संरक्षा अधिनियम की धारा 32 (2) के उल्लंघन के लिए एडीएम कोर्ट द्वारा अधिकतम 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
- गंदगी : प्रतिष्ठान में गंदगी पाए जाने पर धारा-56 के तहत अधिकतम एक लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान है।
- चेतावनी के बाद भी गंदगी - यदि पूर्व में निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग ने गंदगी हटाने को लेकर समय दिया है और इसके बावजूद गंदगी मिली तो धारा-55 के तहत अधिकतम दो लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
- फाल्स स्टेटमेंट - यदि प्रतिष्ठान स्वामी ने रजिस्ट्रेशन के समय वार्षिक इनकम दो लाख से अधिक दर्शाई है और निरीक्षण के दौरान वार्षिक आय इससे अधिक मिलती है तो इसे फाल्स स्टेटमेंट माना जाता है। इसमें तीन माह की सजा और अधिकतम दो लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
- सैंपल अधोमानक : किसी प्रतिष्ठान से खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच को भेजे गए हो और रिपोर्ट में अधोमानक पाए जाते हैं तो इसके संबंधित प्रतिष्ठान स्वामी पर पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
- विदाउट लाइसेंस : यदि खाद्य सामग्री का कोई प्रतिष्ठान बिना लाइसेंस के चल रहा हो तो पकड़े जाने पर छह माह की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना सीजेएम कोर्ट के माध्यम से लगाया जाता है।