सैलानियों के स्वागत के लिए तैयार है मुनस्यारी, अक्टूबर में पचास फीसद होटल फुल हुए
कोविड के चलते मुनस्यारी का पर्यटन पटरी से उतर गया था। इस बार फिर मुनस्यारी स्वागत के लिए तैयार है। देश के विभिन्न राज्यों से पर्यटकों की ऑनलाइन बुकिंग आने लगी है। दस से तीस अक्टूबर तक पचास फीसद बुकिंग हो चुकी है।
संवाद सूत्र, मुनस्यारी : कोविड के चलते मुनस्यारी का पर्यटन पटरी से उतर गया था। इस बार फिर मुनस्यारी स्वागत के लिए तैयार है। देश के विभिन्न राज्यों से पर्यटकों की ऑनलाइन बुकिंग आने लगी है। दस से तीस अक्टूबर तक पचास फीसद बुकिंग हो चुकी है। बुकिंग आने के साथ ही पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के चेहरे से गायब हो चुकी मुस्कान लौटने के आसार हैं।
मुनस्यारी में शरदकालीन पर्यटन सबसे अच्छा माना जाता है। मध्य सितंबर से नवंबर तक का समय पर्यटन के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। कोविडकाल से पूर्व इस सीजन में मुनस्यारी में दस हजार से अधिक पर्यटक आते रहे हैं। वर्ष 2020 में कोविड काल के चलते पर्यटन शून्य हो चुका है। इस बार फिर से पर्यटन के परवान चढऩे के आसार हैं। यूं तो मुनस्यारी आने वाले पर्यटकों में बंगाली पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक रहती है। इस बार बुकिंग उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र व दक्षिण के राज्यों से भी आ रही है।
इस सीजन में मुनस्यारी के मुख्य आकर्षण
मुनस्यारी में प्रवेश से पूर्व मार्ग पर बिर्थी झरना पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगा। मानसून काल की बारिश के चलते झरने का जलस्तर काफी अधिक रहने से यह विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है। पर्यटकों को बिर्थी झरने का मनमोहक रू प देखने को मिलेगा।
चमकती पंचाचूली की दमक, ट्यूलिप गार्डन से नहीं हटेगी नजर
उच्च हिमालय की चोटियों पर अभी तक तीन बार हिमपात हो चुका है। अक्टूबर माह तक और हिमपात की संभावना है। जिसके चलते बर्फ से लकदक उच्च हिमालयी चोटियों की चांदी सी दमक आंखों को चौधिया देगी तो नौ हजार फीट की ऊंचाई पर बना ट्यूलिप गार्डन से नजर नहीं हटेगी।
50 फीसद ऑनलाइन बुकिंग हुई, प्रतिदिन आ रही है बुकिंग
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष पीसी पांडेय ने बताया कि लंबे समय बाद ऑनलाइन बुकिंग होने लगी है। दस अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक की ऑनलाइन बुकिंग होने लगी है। अभी तक पचास प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है।
थल-मुनस्यारी मार्ग का रोड़ा
मुनस्यारी को जोडऩे वाला 71 किमी लंबा थल-मुनस्यारी मार्ग बारिश के चलते पर्यटन में रोड़ा बन सकता है। इस मार्ग में सात स्थान खतरनाक बने हैं। दस अक्टूबर तक लोनिवि मार्ग की दशा सुधारने में सफल रही तो पर्यटन परवान चढ़ेगा।