रामनगर के ग्रामीणों में गुलदार का डर, तीन शावकों को भी दिया जन्म
हल्द्वानी-रामनगर मार्ग स्थित गेबुआ में गुलदार की दस्तक से ग्रामीण दहशत में है।
संस, रामनगर : हल्द्वानी-रामनगर मार्ग स्थित गेबुआ में गुलदार की दस्तक से ग्रामीण दहशत में है। गुलदार ने आबादी के बीच में गन्ने के खेत में तीन शावकों को जन्म भी दे दिया है। मानवीय हस्तक्षेप हुआ तो वह अपने शावकों को खेत से अन्यत्र ले गई।
तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत ग्राम खेमपुर गैबुआ में नवीन बिष्ट का गन्ने का खेत है। इन दिनों खेत में श्रमिकों द्वारा गन्ना काटा जा रहा है। शुक्रवार शाम को श्रमिकों ने गन्ना काटने के दौरान गुलदार के तीन शावक देखे तो हड़कंप मच गया। वह गुलदार होने के डर से भागकर खेत से बाहर आए। सूचना मिलने पर रेंजर संतोष पंत ने वन कर्मियों को मौके पर भेज दिया। वन कर्मियों को एक शावक नजर आया। शनिवार को भी लोग मौके पर पहुंचने लगे, लेकिन गुलदार व शावकों की मौजूदगी नहीं मिली। इसके बाद रेंजर ने खेत स्वामी से वन कर्मियों की सुरक्षा में गन्ना काटने के लिए कहा। गन्ना कटने के दौरान दिन भर वनकर्मी खेत के समीप मौजूद रहे। हालांकि शावकों को फिर खेत में नहीं देखा गया। रेंजर पंत ने बताया कि रात में ही गुलदार अपने बच्चों को वहां से अन्यत्र ले गई होगी। गुलदार शावकों की जगह बदलती रहती है।
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मानव वन्य जीव संघर्ष का खतरा बढ़ा-
जंगल से वन्य जीवों के आबादी में आने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। वजह चाहें जो भी हो, लेकिन भविष्य के लिए यह वन विभाग की चिंता का विषय है। इंसानों के बीच में आने के लिए बाघ, गुलदार व हाथी आबादी का रूख कर रहे हैं। ऐसे में मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ने की संभावना है।
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वन्य जीवों के आबादी में आने की घटनाएं
-11 सितंबर को कठियापुल में शावक पकड़ा
-29 नवंबर को गेबुआ में घुसे गुलदार को पकड़ा
-01 फरवरी को ढेला में बाघिन घुसी।
-13 अपै्रल को सक्खनपुर में तीन शावक मिले।
-22 अपै्रल को ढेला में बाघ घुसा।
-11 मई को गेबुआ में गुलदार के शावक मिले।