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हाथी, हिरन और अन्य वन्यजीवों के पसन्दीदा स्थल हैं काॅर्बेट में जामुन के जंगल

विश्व प्रसिद्ध काॅर्बेट नेशनल पार्क जैवविविधता के मामले में विख्यात है। यहां साल शीशम सागौन देवदार चीड़ के अलावा कई प्रकार के विशालकाय वृक्षों के जंगल देखने को मिल जाएंगे। मगर काॅर्बेट में वन्य जीवों के लिए सबसे मुफीद जामुन के जंगल हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 08:26 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 08:26 AM (IST)
हाथी, हिरन और अन्य वन्यजीवों के पसन्दीदा स्थल हैं काॅर्बेट में जामुन के जंगल
हाथी, हिरन और अन्य वन्यजीवों के पसन्दीदा स्थल हैं काॅर्बेट में जामुन के जंगल

रामनगर, जेएनएन : विश्व प्रसिद्ध काॅर्बेट नेशनल पार्क जैवविविधता के मामले में विख्यात है। यहां साल, शीशम, सागौन, देवदार, चीड़ के अलावा कई प्रकार के विशालकाय वृक्षों के जंगल देखने को मिल जाएंगे। मगर काॅर्बेट में वन्य जीवों के लिए सबसे मुफीद जामुन के जंगल हैं। जुलाई, अगस्त के महीने में जामुन के जंगलों में बंदर, लंगूर, सांभर, चीतलों के झुंड प्रचुर मात्रा में दिखाई देते हैं। इनसे इतर गजराज भी बहुतायत में नजर आते हैं। जामुन के जंगल में हाथियों की तादाद अधिक होने के कारण पर्यटकों के वहां जाने पर मनाही है।

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जामुन के जगलों में अक्सर हाथी जामुन की टहनियां तोड़कर पत्तियों के साथ साथ उंसके फलों का भी स्वाद चखते दिखाई देते हैं। नदी किनारे नमी वाले स्थानों पर यह जंगल होने के कारण हाथी यहां न केवल गर्मियों में जामुन के दरख्त के नीचे आराम फरमाते हैं बल्कि अपना पेट भी इन्हीं से भरा करते हैं। काॅर्बेट घूमने वाले आने वाले पर्यटकों को जामुन के जंगलों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रहती। मगर वनस्पति विज्ञान के शोध छात्रों के लिए एक ही स्थान पर जामुन के जंगलों का पाया जाना अपने आप मे कौतुहल का विषय जरूर है।

2004 से 2008 के बीच हुआ था सर्वे

भारतीय वन्यजीव संस्थान तथा वन एवम पर्यावरण मंत्रालय के 2004 से 2008 के बीच हुए सर्वे रिपोर्ट में अफिउल्ला खान के मुताबिक कार्बेट में नौ प्रकार की वन संपदा है जिसमें जामुन को रिवराइन फॉरेस्ट के रूप में दर्शाया गया है। इसके अलावा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की पूर्व फील्ड बायोलाजिस्ट जारा किदवाई की एशियन जनरल आफ कंजर्वेशन बायलॉजी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक साल और रोहणी के बाद कार्बेट पार्क में तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा जामुन के वृक्ष हैं।

प्रकृति की देन जामुन के जंगल

वन्य जीव विशेषज्ञ एजी अंसारी की माने तो अलग अलग समूहों में जामुन के घने जंगल कार्बेट पार्क में प्रकृति की देन है। यही जामुन जंगल मे विचरण करने वाले शाकाहारी वन्य जीवों का पेट भरने में काफी मददगार है। सेवा निवृत पार्क वार्डन सतीश चंद्र उपाध्याय बताते है कि कार्बेट के ढिकाला, दुर्गा देवी, पटेर पानी और जमुनाग्वाड़ के बीच, रामगंगा नदी के पार रिगोड़ा क्षेत्र के अलावा बिजरानी, सोना नदी रेंज में भी जामुन के जंगल है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल ने बताया कि कार्बेट पार्क के एक नहीं कई हिस्सों में जामुन के जंगल हैं। जो वन्यजीवों के चारे का काम करते हैं। ये सभी जंगल पार्क में पूरी तरह से महफूज हैं।


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