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फास्ट फूड में डाला जाने वाल अजीनोमोटो है जानलेवा, जानिए क्‍या सलाह दे रहे हैं डॉक्‍टर

फास्ट फूड या जंक फूड युवाओं व बच्चों की पहली च्वाइस बन गया है। यही शौक सेहत के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। सबसे अधिक परेशानी का कारण फास्ट फूड में डाला जाने वाला अजीनोमोटो है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 02:39 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 02:39 PM (IST)
फास्ट फूड में डाला जाने वाल अजीनोमोटो है जानलेवा, जानिए क्‍या सलाह दे रहे हैं डॉक्‍टर
फास्ट फूड में डाला जाने वाल अजीनोमोटो है जानलेवा, जानिए क्‍या सलाह दे रहे हैं डॉक्‍टर

हल्द्वानी, जेएनएन : फास्ट फूड या जंक फूड युवाओं व बच्चों की पहली च्वाइस बन गया है। यही शौक सेहत के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। सबसे अधिक परेशानी का कारण फास्ट फूड में डाला जाने वाला अजीनोमोटो है। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के खाद्य पदार्थों के सेवन से मोटापा ही नहीं, बल्कि कैंसर तक की बीमारी होने का खतरा रहता है। एसटीएच के बाल रोग विभाग में ऐसे रोगियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।

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स्वाद बढ़ाने के लिए कर रहे इस्तेमाल

अजीनोमोटो का प्रयोग खाने का टेस्ट बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। चाइनीज फूड में इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है। इसका नाम रासायनिक नाम मोनोसोडियम ग्लूटामेट है। यह एक प्रकार का नमक है, जिसका अलग स्वाद है। इसी स्वाद के चलते बच्चे, किशोर ही नहीं बल्कि अन्य लोग भी फास्ट फूड के क्रेजी हो जाते हैं। फास्ट फूड बेचने वालों को इसकी सही मात्रा की जानकारी न होने के कारण वे फूड में इसका बेहिसाब इस्तेमाल कर रहे हैं।

घर के खाने से परहेज और बढ़ा रहा दिक्कत

बच्चे घर में तैयार भोजन दाल, रोटी, सब्जी से दूर भाग रहे हैं। शहर के कालेजों की कैंटीन में सबसे ज्यादा डिमांड फास्ट फूड की है, जिसके चलते घर पर बने खाने का मोह कम हो गया है।

ये हैं दुष्प्रभाव

सिरदर्द होना

दिल की धड़कन बढऩा

बेचैनी होना

अत्यधिक पसीना आना

त्वचा पर रैशेज

अनिद्रा, सीने में दर्द

हमेशा कुछ खाने का मन करना

कानों में सिहरन उठना

चेहरे में सूजन

इस तरह के भोजन से बचें

स्ट्रीट स्टॉल पर बने पिज्जा, चाउमीन, बर्गर

अधिक तेल मसाले और मिर्च

मैदा से बनने वाले खाने का परहेज

सॉफ्ट ड्रिंक्स का प्रयोग न करें

संतुलित खाने का करें प्रयोग

दाल, सब्जी, रोटी, चावल का अधिक प्रयोग करें

सलाद को लंच व ब्रेक फास्ट का हिस्सा बनाएं

खाने में दही और छाछ शामिल करें

नीबू पानी पीएं

रात में भोजन कम करें।

केस 1

मामला हल्द्वानी के कमलुवागांजा का है। 13 साल के बच्चे के बढ़ते वजन से घरवाले परेशान हैं। बच्चे को अधिक भूख लगती है। वह फास्ट फूड के अलावा और कुछ मन से नहीं खाता है। फास्ट फूड न देने पर चिड़चिड़ा हो जाता है।

केस 2

देवलचौड़ निवासी महेंद्र सिंह का बच्चा 6 साल का है। उसका वजन व लम्बाई उम्र के हिसाब से नही बढ़ रहा है। शुरू में फास्ट फूड कम खाता था, लेकिन अब वह फास्ट फूड के अलावा कुछ और लेता ही नहीं है।

केस 3

रामपुर रोड निवासी 11 साल का बच्चा फास्ट फूड के लिए क्रेजी है। अक्सर उसे खाने के बाद पेट दर्द की समस्या होती है। डाक्टर को दिखाने के बाद पता चला कि जंकफूड की वजह से लीवर में सूजन है, जिसकी वजह से दर्द की समस्या है।

बीमारियों की जड़ है जंक फूड

डॉ.  रितु रखोलिया बाल रोग विशेषज्ञ, एसटीएच ने बताया कि फास्ट फूड खाने की वजह से बच्चों में मोटापा, डायबिटीज, अटेंशन न करना, कुपोषण के केस बढ़ रहे है। पांच साल से लेकर 17 साल के बच्चों में यह ज्यादा है। माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चों को खान-पान के प्रति सचेत करें। बाहर की अपेक्षा घर पर बने खाना खाने की आदत डालें।

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