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Lockdown: बारदाना मिला या नहीं, पूछताछ करने के बाद लौट रहे तराई के किसान

बाजपुर में गेहूं क्रय केंद्रों पर कहीं बारदाना की कमी तो किसानों की बेरुखी से सन्नाटा पसरा है।

By Edited By: Published: Sat, 02 May 2020 06:37 AM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 09:37 AM (IST)
Lockdown: बारदाना मिला या नहीं, पूछताछ करने के बाद लौट रहे तराई के किसान
Lockdown: बारदाना मिला या नहीं, पूछताछ करने के बाद लौट रहे तराई के किसान

बाजपुर, जेएनएन : गेहूं क्रय केंद्रों पर कहीं बारदाना की कमी तो किसानों की बेरुखी खरीदारी में आड़े आ रही है। कई केंद्रों पर तौल प्रभारी की कुर्सी खाली मिली तो कुछ जगह केंद्रों पर ताले लटके नजर आए। ग्रामीण इलाकों में मौसम की मार से खेतों में भीगा गेहूं अब काला पड़ने लगा है। एक मासूम अपने पिता के साथ खेत में गेहूं की बची बालियां अपनी नन्ही हथेलियों में समेटने की कोशिश करते नजर आया। लगा कि अनाज के एक-एक दाने की कीमत उसे उसे भलीभांति मालूम है।

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शुक्रवार को जागरण की टीम कृषि उत्पादन मंडी समिति में स्थित आरएफसी के गेहूं तौल केंद्र पर पहुंची। वहां सन्नाटा पसरा था। तौल कार्य के लिए लगे पल्लेदार बोरियों पर सुस्ताते नजर आए। केंद्र प्रभारी मार्के¨टग इंस्पेक्टर एमएस टोलिया भी मौके पर नहीं मिले। पता चला कि खरीदे माल को गोदाम पर पहुंचाने गए हैं। केंद्र प्रभारी ने बताया कि 30 अप्रैल तक 60 किसानों से 5054.50 ¨क्वटल गेहूं की खरीद की गई है। कृषि उत्पादन मंडी समिति में ही स्थापित सहकारिता विभाग के गेहूं क्रय केंद्र पर बारदाना समेत अन्य सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त मिलीं, लेकिन अभी तक तौल की स्थिति शून्य बनी हुई है। केंद्र प्रभारी ओमप्रकाश रावत ने बताया कि किसान पूछताछ करने आ रहे हैं, लेकिन गेहूं लेकर कोई नहीं आ रहा। छह दिन पूर्व ही बारदाना आया है। पूर्व में बारदाने न होने से किसान अपना गेहूं अन्य जगह बेच चुके हैं। मौसम की खराबी व लॉकडाउन समेत अन्य कारणों से कुछ किसानों का गेहूं अभी कट नहीं पाया है। बहुद्देश्यीय बन्नाखेड़ा साधन सहकारी समिति के गेहूं क्रय केंद्र पर मात्र एक किसान ने पंजीकरण करवाया, लेकिन 16 दिन बाद भी सेंटर पर बारदाने की उपलब्धता न हो पाने के कारण खरीद की स्थिति शून्य है।

प्रभारी जगदीश ¨सह मेवाड़ी ने बताया कि बारदाना नहीं होने के चलते 90 प्रतिशत किसान बाजपुर में अपना गेहूं बेच चुके हैं। पहली बार गेहूं क्रय केंद्र स्थापित किया गया है। दीर्घाकार बहुद्देश्यीय सहकारी समिति बरहैनी केंद्र में प्रभारी की कुर्सी खाली नजर आई, जबकि सेंटर पर तौल के लिए उपकरण रखे हुए थे। सूचना पर पहुंचे केंद्र प्रभारी चंदन ¨सह ने बताया कि यह सेंटर स्थान के अभाव में डोबाल पेट्रोल पंप पर चल रहा था, मौसम खराब होने की वजह से इसे समिति परिसर में स्थापित किया गया है। 15 अप्रैल से खुले सेंटर पर 29 किसानों आए लेकिन समय पर बारदाना उपलब्ध न हो पाने और रेट के चलते गेहूं सीड्स प्लांटों व बाजपुर के सेंटरों पर बेच दिया गया है। इसी प्रकार दियोहरी क्रय केंद्र में दोपहर 12 बजे ही ताले लटके नजर आए।

केंद्र का बैनर भी हवा से पीछे को मुड़ गया था, जिससे सेंटर का पता नहीं नहीं चल पा रहा था। कुछ लोगों से पूछने पर ही सेंटर का पता चला। वहां कोई भी कर्मचारी नहीं था। इसी बीच गांव से आए प्रधान के पिता शेर मोहम्मद से जानकारी लेने पर सेंटर के भवन की दूसरी मंजिल पर रह रहे सह केंद्र प्रभारी मानिक चंद्र तिवारी नीचे आए। बताया कि अभी तक कोई भी किसान यहां गेहूं लेकर नहीं पहुंचा है। सेंटर बंद होने के संबंध में कहा गया कि केंद्र प्रभारी हेमंत पांडेय समय-समय पर आते रहते हैं और जानकारी लेकर चले जाते हैं। केंद्र खुलवाने पर कांटे में धूल भरी थी और सुरक्षा के मानक भी पूर्ण नहीं थे। सुल्तानपुर पट्टी में केंद्र प्रभारी शंकर ¨सह ने बताया कि अब तक 227.50 ¨क्वटल गेहूं की खरीद की गई है, जिसका विधिवत भुगतान भी कर दिया गया है।

बारिश से काला पड़ गया 'सोना' बाजपुर

अप्रैल में चार बार बारिश व तेज हवा के चलते कई किसानों का गेहूं खेतों में पड़ा होने से काला पड़ गया। ऐसे में बेहद कम भाव में फसल बेचनी पड़ी। पैदावार कम होने से परेशान बाजपुर : तराई क्षेत्र में आमतौर पर गेहूं की पैदावार प्रति एकड़ 22 से 26 ¨क्वटल आती है। इस बार मौसम की खराबी के चलते कई हेक्टेयर में बालियां गिर गई और दाने की बढ़वार न हो पाने के कारण फसल का उत्पादन 12 से 21 ¨क्वटल के बीच में रह गया है। अधिकांश किसानों को प्रति एकड़ 5 से 7 ¨क्वटल तक का नुकसान उठाना पड़ा हैे। साहब, कैसे दें सहकारिता के कांटों पर गेहूं, नहीं मिलता भुगतान बाजपुर : ग्राम पंचायत दियोहरी में लगे द्वितीय किसान सेवा सहकारी समिति के कांटे पर पहुंचे किसान गुरप्रताप ¨सह ने बताया कि सहकारिता के कांटों पर गत वर्ष किसानों ने धान तुलवाया था, जिसका कुछ किसानों को अभी तक भुगतान नहीं मिल पाया है। ऐसे में किसान अपनी उपज सीड्स प्लांटों अथवा आढ़तियों को नकद में बेच रहे हैं। यही कारण है कि इस सेंटर पर अभी तक तौल नहीं हो पाई है।

हमारे गांव में पहली बार क्रय केंद्र खोला गया है। प्रचार-प्रसार न होने, भुगतान के संदर्भ में विस्तृत जानकारी नहीं दिए जाने तथा बारदाने के अभाव के चलते किसान गेहूं लेकर नहीं पहुंचे। ऐसे में खरीद प्रभावित हुई है। -शेर मोहम्मद, प्रधान पिता दियोहरी

गेहूं की पैदावार पहले के मुकाबले थोड़ी कम हुई है, लेकिन प्रभु की कृपा है कि गुजारा हो जाएगा। मौसम की मार से कुछ फर्क पड़ा है। -जगराज सिंह किसान ग्राम पंचायत नमूना

हम लोगों ने फसल कटाई से पूर्व बरहैनी सेंटर पर गेहूं बेचने के संदर्भ में जानकारी हासिल की थी, लेकिन वहां पर व्यवस्था न होने व दियाहरी सेंटर की जानकारी के अभाव में गेहूं 1900 रुपये में बेचा गया है। -किसान जग्गू सिंह किसान भस्सुवाला)

सहकारिता के कांटों पर किसानों के नहीं आने की मुख्य वजह भुगतान की समस्या है। यदि सही प्रचार-प्रसार किया गया होता तो किसान उपज इन्हीं सेंटरों पर तुलवा सकते थे। -गुरप्रताप सिंह, किसान ग्रामसभा हजीरा

सभी सेंटरों पर तौल सुचारु करवाने के लिए बारदाने की व्यवस्था कर दी गई है, भुगतान भी 24 घंटे के अंदर हो रहा है। किसान बेहिचक अपनी उपज नजदीकी सेंटर पर लेकर जाएं। कोई दिक्कत आती है तो मुझे व उच्चाधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है। -गंगा सिंह, एडीओ सहकारिता

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