जमरानी बांध में विस्थापन के दायरे में 384 परिवार, हैड़ाखान मंदिर व छह अन्य धार्मिक स्थल भी दायरे में
जमरानी बांध का निर्माण भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। बांध निर्माण से पहले जमरानी क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को विस्थापित करना जरूरी है।
नैनीताल, जेएनएन : जमरानी बांध का निर्माण भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। बांध निर्माण से पहले जमरानी क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को विस्थापित करना जरूरी है। डीएम सविन बंसल के अनुसार जमरानी क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के सर्वे का कार्य किया जा रहा है। सिंचाई विभाग के एकल सर्वे में प्रभावित परिवारों की संख्या 320 थी, लेकिन संयुक्त सर्वे में परिवारों की संख्या 384 हो चुकी है। इसी प्रकार प्रभावित क्षेत्रफल 23 हेक्टेयर से घटकर 8 हेक्टेयर हो गया है।
बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में डीएम ने जमरानी बांध के सर्वे संबंधी कार्य की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने नोडल अधिकारी एडीएम एसएस जंगपांगी को सर्वे कार्य शीघ्र पूरा करवाने व काम को जल्द पूरा करने के लिए अन्य तहसीलों से राजस्व कर्मचारी या पटवारी एवं संग्रह अमीनों को संबद्ध करने को कहा है। डीएम के अनुसार पांच गावों में सर्वे कार्य लगभग पूरा हो चुका है तथा मुरकुडिय़ा में सर्वे होना है। उन्होंने अनुसूचित जाति तथा सामान्य वर्ग के परिवारों को श्रेणीबद्ध करने तथा सर्वे का कार्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित एक्ट के अनुसार करने के निर्देश दिए।
बैठक में यह तथ्य सामने आया कि हैड़ाखान मंदिर के अलावा छह अन्य धार्मिक स्थल भी प्रभावित क्षेत्र में हैं। इन धार्मिक स्थलों के मुआवजे के निर्धारण के लिए एनएचआइ तथा लोनिवि के अधिकारियों से गाइड लाइन प्राप्त कर ली जाए। एडीएम ने बताया कि कि सर्वे के दौरान तिलवाड़ी में 157 खातेदार, उडुवा में 106, गनराड़ में 104, पनियाबोर में 75, पस्तोला में 145 खातेदार चिह्निïत किए गए हैं। सिंचाई विभाग ने जब एकल सर्वे किया था, तब प्रभावित परिवारों की संख्या 320 थी, लेकिन संयुक्त सर्वे में परिवारों की संख्या 384 हो चुकी है। इसी प्रकार प्रभावित क्षेत्रफल 23 हेक्टेयर से घटकर 8 हेक्टेयर हो गया है। बैठक में एसडीएम विनोद कुमार व जमरानी परियोजना से सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।