करोड़ों के राजस्व को चपत लगाने वाली नौ फर्में फर्जी मिलीं, पांच का लाइसेंस निरस्त
करोड़ों रुपये कर चोरी करने वाली नौ फर्में जांच में फर्जी मिलीं। इस पर पांच का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है।
रुद्रपुर, जेएनएन : करोड़ों रुपये कर चोरी करने वाली नौ फर्में जांच में फर्जी मिलीं। इस पर पांच का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। चार के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेंट्रल को रिपोर्ट भेजी गई है। ये चार फर्में सेंट्रल से जुड़ी हैं।
जीएसटी लागू होने से फार्मों का पंजीकरण तीन दिन में होने का प्रावधान है। यदि अफसर आवेदन को गंभीरता से नहीं लेते हैं तो भी स्वत:तीन दिन में पंजीकरण हो जाता है। इस माह ऑनलाइन जांच में नौ फर्में ऐसी मिलीं जो चार-पांच दिन में करोड़ों रुपये का कारोबार कर लीं। पता चला कि इनमें कुछ तो एक ही पैन कार्ड से पंजीकृत थीं। इनमें नीलम इंटरप्राइजेज के नाम से भूरारानी रोड पर तीन फर्म, कृष्णा इंडस्ट्रीज के नाम से दो फर्म व एमडी फुटवियर के नाम से काशीपुर रोड पर दो फर्म, एक ही पैन कार्ड पर सोनलाल व गणेश प्लास्टिक नाम से फर्म पाई गई।
उधमसिंह के नाम पर माल बुक कर दूसरे राज्यों में बेच दिया
जांच में पता चला कि ऑनलाइन जीएसटी बिल में गंतव्य यूएस नगर दर्शाया गया। लेकिन माल दूसरे राज्यों में भेज दिया गया। इस तरह करीब 85 करोड़ रुपये का कारोबार किया गया। मगर जीएसटी जमा नहीं किया गया। इन पर 12 फीसद के हिसाब से करीब 10 करोड़ रुपये जीएसटी बनता है।
कर चोरी की आशंका पर शुरू हुई जांच
कर चोरी की आशंका पर जब राज्य कर विभाग की एसटीएफ टीम ने जांच की तो मौके पर फर्में नहीं मिलीं। इनमें चार फर्में सेंट्रल स्तर पर लाइसेंस ली थीं, जबकि अन्य स्टेट से। पूरे खेल की पुष्टि होने पर राज्य में पंजीकृत फर्मों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए। सेंट्रल की फर्मों से जुड़ी रिपोर्ट सेंट्रल को भेज दी गई।
फर्जी फर्मों के लाइसेंस निरस्त
अनिल सिंह, अपर आयुक्त राज्य कर रुद्रपुर ने बताया कि राज्य में पंजीकृत पांच फर्में फर्जी पाई गई हैं। इनके अतिरिक्त चार सेंट्रल में पंजीकृत हैं। इनके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई के लिए सेंट्रल को पत्र भेजा गया है। राज्य में पंजीकृत फर्जी फर्मों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं।