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चीन-नेपाल सीमा से लगे उत्तराखंड के क्षेत्रों में बढ़ाई जाएंगी सुविधाएं, इन पांच जिलों के लिए बजट रिलीज होगा

बीएडीपी (बॉर्डर एरिया डवलपमेंट प्रोग्राम) की तर्ज पर अब मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत उत्तराखंड के चीन-नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा। इसके लिए शासन ने प्रदेश के पांच जनपद चम्पावत चमोली पिथौरागढ़ यूएस नगर व उत्तरकाशी के नौ ब्लॉकों का चयन किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 07:09 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 07:09 PM (IST)
चीन-नेपाल सीमा से लगे उत्तराखंड के क्षेत्रों में बढ़ाई जाएंगी सुविधाएं, इन पांच जिलों के लिए बजट रिलीज होगा
मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत उत्तराखंड के चीन-नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा।

चम्पावत, जेएनएन : बीएडीपी (बॉर्डर एरिया डवलपमेंट प्रोग्राम) की तर्ज पर अब मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत उत्तराखंड के चीन-नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा। इसके लिए शासन ने प्रदेश के पांच जनपद चम्पावत, चमोली, पिथौरागढ़, यूएस नगर व उत्तरकाशी के नौ ब्लॉकों का चयन किया है। का चयन किया है। शासन ने चंपावत जिले के दो ब्लॉकों में विकास कार्यों को कराने के लिए प्रशासन ने प्रति ब्लॉक 2.25 करोड़ के तहत 30 सितंबर तक प्रस्ताव मांगे हैं। प्रस्ताव पर अनुमोदन के बाद बजट रिलीज किया जाएगा।

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सीमांत क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित बीएडीपी योजना के तहत अब राज्य सरकार ने सीमांत क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं एवं आजीविका के संसाधन उपलब्ध कराए जाने के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना प्रारंभ की गई है। योजना के तहत सीमांत के प्रथम गांव से 50 किमी के क्षेत्र में योजना के तहत कार्य किया जाना है। राज्य सरकार ने इसके लिए प्रदेश के पांच जनपद चम्पावत, चमोली, पिथौरागढ़, यूएस नगर व उत्तरकाशी के नौ ब्लॉकों को शामिल किया है। इन ब्लॉकों में विकास कार्यों को कराने के लिए शासन ने प्रति ब्लॉक 2.25 करोड़ की धनराशि निर्धारित की है।

योजना के तहत जनपद के चम्पावत व लोहाघाट ब्लॉक को शामिल किया गया है। जिसमें केवल आजीविका विकास एवं स्वरोजगार की योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के लिए सरकार ने राज्य स्तरीय व जनपद स्तरीय समिति का गठन किया है। शासन ने जनपद स्तरीय समिति से 30 सितंबर तक योजनाओं का प्रस्ताव बनाकर उसका अनुमोदन कर शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं। सीडीओ आरएस रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत शासन से 30 सितंबर तक प्रस्ताव मांगे थे। जिसे अब बढ़ाकर दस अक्टूबर कर दिया गया है। योजना के तहत आजीविका विकास एवं स्वरोगार की योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

इन योजनाओं को दी जाएगी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत स्थानीय युवाओं का कौशल विकास, सामुदायिक संगठनों हेतु स्थायी आजीविका सृजन के क्रियाकलाप, अति आवश्यक सामुदायिक अवस्थापना सुविधाओं का विकास, आजीविका विकास हेतु तकनीकि हस्तांतरण संबंधी क्रियाकलाप, पर्यटन को बढ़ावा, जैविक कृषि को बढ़ावा, ग्रोथ सेंटरों की स्थापना व पलायन को रोकने को अभिनव व नवाचार कार्यक्रम रखे जाएंगे।


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