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शराब की तस्करी रोकेगा आबकारी का हाइटेक सिस्टम, बोतल के होलोग्राम से मिलेगी पूरी जानकारी

शराब की तस्करी रोकने और नकली शराब की बिक्री पर शिकंजा कसने को अब आबकारी महकमा नई नीति में शराब की बोतलों से लेकर पव्वे पर हाइटेक सिक्योरिटी सिस्टम लगाने जा रहा है। इसको ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम नाम दिया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 08:27 AM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 08:27 AM (IST)
शराब की तस्करी रोकेगा आबकारी का हाइटेक सिस्टम, बोतल के होलोग्राम से मिलेगी पूरी जानकारी
शराब की तस्करी रोकेगा आबकारी का हाइटेक सिस्टम, बोतल के होलोग्राम से मिलेगी पूरी जानकारी

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : शराब की तस्करी रोकने और नकली शराब की बिक्री पर शिकंजा कसने को अब आबकारी महकमा नई नीति में शराब की बोतलों से लेकर पव्वे पर हाइटेक सिक्योरिटी सिस्टम लगाने जा रहा है। इसको ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम नाम दिया गया है। इससे बोतल, अध्धे या पव्वे में लगे होलोग्राम से ही शराब के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।

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शराब की तस्करी व नकली शराब की बिक्री रोकना आबकारी महकमे व पुलिस-प्रशासन के लिए हमेशा चुनौती बना रहता है। अक्सर पुलिस शराब की अवैध रूप से बिक्री तो पकड़ लेती है, लेकिन यह शराब कहां से तस्करी कर लाई गई है, इसका सटीक पता नहीं लग पाता है। इसके साथ ही नकली शराब मिलने पर उसकी जांच की प्रक्रिया काफी लंबी होने से अपराधियों को समय मिल जाता है। इन सभी पर शिकंजा कसने के लिए सरकार लंबे समय से योजना बना रही थी। नए वित्तीय वर्ष से सरकार ने हाइटेक सिस्टम बनाने की तैयारी पूरी कर ली है।

आबकारी महकमे के सूत्रों ने बताया कि ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के तहत हर बोतल से लेकर पव्वे के ढक्कन में एक होलोग्राम होगा। इसमें एक क्यूआर कोड बना रहेगा। इस क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए एक एप रहेगा, जो आम लोग भी डाउनलोड कर सकते हैं। इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही बोतल किस कंपनी में बनी है, कब कंपनी से बोतल निकली और एफएलटू में पहुंची और कब दुकान में आकर बिक्री हुई, इसका विवरण आ जाएगा।

तस्करों को शराब बेचने वाले कारोबारी का पता भी चलेगा

आबकारी सूत्रों के मुताबिक अब तक तस्करों से बरामद शराब के बारे में यह पता लगाना काफी मुश्किल हो रहा था कि किस दुकान से इसे खरीदा गया है। नए वित्तीय वर्ष में आने वाली शराब की बोतल अगर तस्कर के पास मिलती है तो क्यूआर कोड स्कैन करते ही दुकान का पता चल जाएगा। इससे शराब को तस्करों को बेचने वाले कारोबारी पर भी कानूनी शिकंजा कसा जा सकेगा।

पश्चिम बंगाल में पहले से सिस्टम लागू

आबकारी सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम पहले से ही लागू है। पश्चिम बंगाल के एक्सपर्ट की एक टीम कुछ दिन पहले मुख्यालय में आई थी। टीम ने आबकारी अधिकारियों को सिस्टम की बारीकियों के बारे में बताया। अब अफसर मातहतों को इस अत्याधुनिक सिस्टम के बारे में बताएंगे।

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