बेहतर मूल्यांकन के लिए परिषद ने उठाया कदम, मूल्यांकन केंद्र में परीक्षकों को मिलेगी उत्तरमाला
बोर्ड परीक्षा के मूल्याकंन के लिए उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद के सभागार में प्रदेश से आए मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया।
रामनगर, जेएनएन : बोर्ड परीक्षा के मूल्याकंन के लिए उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद के सभागार में प्रदेश से आए मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें मूल्यांकन में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई। तय हुआ कि बेहतर मूल्यांकन के लिए परीक्षकों को विभिन्न विषयों की उत्तरमाला भी उपलब्ध कराई जाएगी।
हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा 27 मार्च को समाप्त हो गई थी। परीक्षा का मूल्यांकन कार्य 20 अपै्रल से चार मई तक होना है। मंगलवार को प्रदेश में बनाए गए 30 मूल्यांकन केंद्रों से दो-दो मास्टर टे्रनर प्रशिक्षण के लिए पहुंचे थे। परिषद की सचिव डॉ. नीता तिवारी ने मूल्यांकन की बारीकियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षा के विभिन्न विषयों के प्रश्नों की उत्तर माला तैयार की गई है। यह उत्तरमाला परीक्षकों को मूल्यांकन के दौरान दी जाएगी। इसकी मदद से परीक्षक मूल्यांकन कर सकेंगे। संचालन करते हुए शोध अधिकारी मनोज पाठक ने बताया कि पिछले साल मूल्यांकन में परीक्षकों द्वारा लापरवाही बरती थी। कॉपी के भीतर दिए गए नंबर व बाहर चढ़ाए गए नंबरों में काफी भिन्नता थी। कई प्रश्न परीक्षकों द्वारा चेक भी नहीं किए गए थे। यह मामले परीक्षार्थियों द्वारा भरी गई स्कूटनी के दौरान पकड़ में आए हैं। यदि यह मामले संज्ञान में नहीं आते तो परीक्षार्थियों का भविष्य खराब हो जाता। बैठक में अपर सचिव बृजमोहन रावत, अपर सचिव एनसी पाठक, उपसचिव सीपी रतूड़ी, शेखर बलोदी, विपिन चंद्र उप्रेती मौजूद रहे।
मास्टर ट्रेनर परीक्षकों को देंगे प्रशिक्षण
मास्टर टे्रनर प्रशिक्षण के बाद 20 अपै्रल को अपने-अपने मूल्यांकन केंद्रों में परीक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। प्रदेश में 30 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। जबकि नैनीताल में तीन केंद्र बनाए गए हैं।
परीक्षकों की गलती पकड़ेंगे अंकेक्षण
परीक्षार्थियों की कॉपी चेक करते समय अंकेक्षण भी होगा। जिस कॉपी में 0 नंबर या 75 प्रतिशत से अधिक नंबर होंगे उस कॉपी की दोबारा चेकिंग अंकेक्षकों द्वारा जरूरी की जाएगी। इसके अलावा प्रतिदिन जितनी कॉपी चेक होगी। उसके 50 फीसद कॉपी अंकेक्षकों द्वारा चेक की जाएगी। जिससे कि परीक्षक की त्रुटि पकड़ में आ सके।
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