शिक्षा निदेशक के आदेश से अलग जारी किया परीक्षा कार्यक्रम, अब क्या होगा अगला कदम
निदेशक सीमा जौनसारी ने 23 फरवरी को आदेश जारी कर पूरे प्रदेश में एक साथ गृह परीक्षा कराने का आदेश जारी किया था। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से मुख्य विषयों के प्रश्नपत्र तैयार कर जिलों को भेजने की बात कही थी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नैनीताल जिले के माध्यमिक स्कूलों की गृह परीक्षाएं अपने समय सारिणी से संपन्न होंगी। जिला स्तरीय गृह परीक्षा समिति ने सात से 21 मार्च के बीच का परीक्षा कार्यक्रम जारी किया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी समिति के संयोजक हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने 23 फरवरी को आदेश जारी कर पूरे प्रदेश में एक साथ गृह परीक्षा कराने का आदेश जारी किया था। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से मुख्य विषयों के प्रश्नपत्र तैयार कर जिलों को भेजने की बात कही थी। हालांकि पहले होली के दिन 19 मार्च को परीक्षा होने की वजह से 24 फरवरी को संशोधित कार्यक्रम जारी किया।
इधर, नैनीताल जिले अपनी समय सारिणी ने परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। समिति संयोजक सीईओ केएस रावत, सचिव देवकी आर्या, सदस्य अखिलेश कुमार सिंह व बसंत कुमार कांडपाल के हस्ताक्षरों से परीक्षा कार्यक्रम जारी किया गया है। परीक्षा दो पालियों में होंगी। सचिव देवकी आर्या ने सभी प्रधानाचार्यों व प्रधानाध्यापकों को 26 फरवरी को हल्द्वानी जीजीआइसी में उपस्थित होकर प्रश्नपत्र एवं परीक्षा संबंधी अन्य गोपनीय सामग्री प्राप्त करने के लिए कहा है।
सीईओ केएस रावत ने बताया कि जिला स्तरीय गृह परीक्षा समिति ने पूर्व में ही प्रश्नपत्र तैयार कर प्रकाशित करा लिए थे। परीक्षा कार्यक्रम व इसकी सूचना निदेशालय को दी गई है। जिन जिलों की अपनी तैयारी नहीं थी, वह निदेशालय के समयसारिणी ने परीक्षा कराएंगे।
स्कूल के समय को लेकर दुविधा
कोरोना के लंबे व्यवधान के बाद व्यवस्थाएं पटरी पर लौट रही हैं। सामाजिक आयोजनों पर किसी तरह की बाध्यता नहीं है। शिक्षकों के चुनाव ड्यूटी से मुक्त होने के बाद स्कूल लौटने पर विधिवत पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन प्राथमिक स्तर पर स्कूल संचालन के समय को लेकर दुविधा पैदा हो गई है। शुक्रवार को कुछ शिक्षकों ने हल्द्वानी ब्लाक में तीन घंटे से अधिक समय तक स्कूल खोलने पर सवाल उठा दिए। उप शिक्षाधिकारी अंशुल बिष्ट ने बताया कि शासन की मानक संचालन प्रक्रिया में समयावधि का जिक्र नहीं था। शिक्षकों की प्रत्यावेदन पर उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है।