Nainital News : पूर्व सैनिकों ने हल्द्वानी में सुनाई 1965 की जंग की वीर गाथा, वीर योद्धाओं का किया सम्मान
Nainital News हल्द्वानी में शुक्रवार को 1965 में हुई जंग में शामिल पूर्व सैनिकों का सम्मान किया गया। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने उस दौर के किस्सों को अलग-अलग अंदाज में बयां किया। सैन्य परिवार की महिलाएं कुमाऊंनी गीतों पर थिरकीं भी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Nainital News : पाकिस्तान से 1965 में हुई जंग (1965 War) में शामिल वीर जवानों के शौर्य को सलाम करने के लिए शुक्रवार को हल्द्वानी में सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। शहर के एक बैंक्वेट हाल में आयोजित कार्यक्रम में सैनिकों ने उस दौर के किस्सों को अलग-अलग अंदाज में बयां किया। इस बीच सैन्य परिवार की महिलाएं कुमाऊंनी गीतों पर थिरकीं भी।
14 कुमाऊं के सैनिकों ने दिखाई थी वीरता
कार्यक्रम का आयोजन मेजर जनरल (सेनि.) इंद्रजीत सिंह बोरा के नेतृत्व में किया गया। 14 कुमाऊं (अब 5 मैकेनाइज्ड इंफेंट्री) के बहादुर सैनिकों ने नौशेरा क्षेत्र में तब अदम्य साहस का परिचय दिया था। लाम घाटी क्षेत्र में सर्च और क्लीनिंग का टास्क मिला था, जिसके बाद बटालियन ने ओपी हिल (OP Hill) में बकरी पालकों के रूप में घुसे दुश्मनों को खदेड़ा। कई को हिरासत में भी लिया।
ऐसे शुरू हुआ ओपी हिल युद्ध सम्मान दिवस
विषम भौगोलिक परिस्थितियों में देश की सुरक्षा के लिए दिखाए इस अदम्य साहस की बदौलत सात अक्टूबर ओपी हिल युद्ध सम्मान दिवस (OP Hill War Honor Day) के तौर पर बटालियन को दिया गया था। कार्यक्रम के दौरान 65 की जंग में हिस्सा लेने वाले सूबेदार जय सिंह, हवलदार देवी दत्त शर्मा और बलिदानी हवलदार गिरधर चंद की बेटी पिथौरागढ़ निवासी पुष्पा चंद को सम्मानित भी किया गया।
तब लेफ्टिनेंट कर्नल बोरा के हाथ थी कमान
14 कुमाऊं को जब मैकेनाइज्ड इंफेंट्री में परिवर्तित किया गया था, तब बटालियन की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल इंद्रजीत सिंह बोरा के पास थी। उनके संरक्षण में ही शुक्रवार को युद्ध सम्मान दिवस का आयोजन किया गया। मेजर जनरल (सेनि.) बोरा ने बताया कि 65 के युद्ध में पाक ने ओपी हिल पर कब्जा किया था। 6-7 अक्टूबर को भारतीय सेना ने उसपर दोबारा अपना अधिकार जमा लिया।
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