Move to Jagran APP

रोक के बाद भी शैलजा फार्म की भूमि पर कर दी गईं 57 रजिस्ट्री, आरटीआइ में हुआ पर्दाफाश

जांच में पाया कि फ्री होल्ड की भूमि गलत तरीके से फ्री होल्ड कराई गई थी। इस पर डीएम ने एक सार्वजनिक सूचना राजस्व ग्राम रुद्रपुर के खसरा नंबर 66 67 69 व 70 मिन नजूल भूखंड संख्या 20 पट्टेदार 10 एकड़ का स्वामित्व फ्री होल्ड संबंधित प्रकरण विवादित है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 10:29 PM (IST)
रोक के बाद भी शैलजा फार्म की भूमि पर कर दी गईं 57 रजिस्ट्री, आरटीआइ में हुआ पर्दाफाश
गलत रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों के खिलाफ तत्कालीन डीएम के आदेश पर कोतवाली में केस दर्ज हुई थी।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : इसे नगर निगम प्रशासन की नजूल भूमि बचाने के प्रति लापरवाही कहें या उदासीनता। अधिकारियों की मिलीभगत से रोक के बाद भी शैलजा फार्म की भूमि पर 57 रजिस्ट्री कर दी गईं। जबकि गलत रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों के खिलाफ तत्कालीन डीएम के आदेश पर कोतवाली में केस दर्ज हुई थी। इसके बावजूद अधिकारियों को कोई भय नहीं है। यह मामला सूचना का अधिकार में सामने आया है। 

loksabha election banner

कल्याणी व्यू नदी कालोनी निवासी विजय बाजपेयी ने सूचना का अधिकार में नगर निगम से सूचना मांगी। निगम की ओर से उपलब्ध कराई सूचना के मुताबिक गंगापुर रोड स्थित शैलजा फार्म का भूखंड 20 है। खसरा नंबर 66,6769 व 70 मिन रकबा 10 एकड़ जमीन है।

खेड़ा निवासी जीवंती शाह को 15 अप्रैल, 1986 को 30 साल के लिए प्रशासन ने खेती के लिए लीज पर दी थी। बाद में नगर पालिका रुद्रपुर की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन डीएम ने यह माना की दावेदार ने भूखंड के अतिरिक्त 4.97 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है, छह एकड़ भूमि 30 नवंबर, 1991 में सर्किल रेट के आधार पर 60 फीसद आवेदक के पक्ष में फ्री होल्ड की स्वीकृति प्रदान कर दी। आवेदक को एक करोड़ 81 लाख 61 हजार जमा करने थे, मगर वह किसी कारण वश जमा नहीं किए। आवेदक ने सात अगस्त, 1999 को सर्किल रेट का पुन:मूल्यांकन की मांग की। फ्री होल्ड के प्रस्तावित भूखंड की उत्तर दिशा में नदी है, लेकिन वर्तमान में मौके पर मास्टर प्लान के मानचित्र के अनुरूप नदी अपने मूलरूप में नहीं है। नदी को पाट कर खेती की जा रही है। तत्कालीन डिप्टी कलक्टर व प्रभारी अधिकारी की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर 21 मई, 2000 में बताया गया कि संदर्भित पट्टे का कुल क्षेत्रफल 10 एकड़ है। भूमि के उत्तर में पट्टे  में नाला प्रदर्शित किया गया है, जो मौके पर नहीं है। इस पर नाले को शामिल करते हुए मौके पर 14.97 एकड़ भूमि पर पट्टेदार का कब्जा है। बाद में जब पट्टेदार ने बाकी 4.97 एकड़ भूमि का फ्री होल्ड कराने के लिए आवेदन किया तो तत्कालीन डीएम गोपाल कृष्ण द्विवेदी ने वर्ष, 2006 में मामले की जांच कराई। जांच में पाया गया कि फ्री होल्ड की भूमि गलत तरीके से फ्री होल्ड कराई गई थी। इस पर डीएम ने एक सार्वजनिक सूचना राजस्व ग्राम रुद्रपुर के खसरा नंबर 66, 67, 69 व 70 मिन नजूल भूखंड संख्या 20 पट्टेदार 10 एकड़ का स्वामित्व फ्री होल्ड संबंधित प्रकरण विवादित है। इसलिए उक्त भूमि का क्रय विक्रय अंतिम अग्रिम आदेशों तक पूर्ण वर्जित किया जाता है।

यह सूचना 12 सितंबर, 2006 को जारी की गई थी। साथ ही फ्री होल्ड के लिए गलत रिपोर्ट तैयार करने वालों के खिलाफ तत्कालीन संबंधित अधिकारियों के खिलाफ डीएम के आदेश पर केस भी दर्ज कराया गया था। हैरानी यह है कि इसके बाद इस भूमि पर 57 लोगों के नाम रजिस्ट्री कर दी गई है। बताया जा रहा है कि रजिस्ट्री कराने में राजनीतिक दलों के लोग भी शामिल है। नगर आयुक्त विशाल मिश्रा का कहना है कि मामले से जुड़े दस्तावेजों देखना पड़ेगा। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.