खटीमा नगरपालिका से हटाए गए प्रभारी ईओ को हाईकोर्ट से राहत नहीं
हाई कोर्ट ने खटीमा नगरपालिका के प्रभारी ईओ धर्मानंद को मूल तैनाती लालकुआं नगरपंचायत में वापस भेजने के सरकार के आदेश के खिलाफ विशेष अपील पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने खटीमा नगरपालिका के प्रभारी ईओ धर्मानंद को मूल तैनाती लालकुआं नगरपंचायत में वापस भेजने के सरकार के आदेश के खिलाफ विशेष अपील पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में प्रभारी ईओ धर्मानंद को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिल सकी है।
2019 में नगरपंचायत लालकुआं में तैनात धर्मानंद को शहरी विकास विभाग द्वारा प्रभारी अधिशासी नगरपालिका खटीमा बनाया गया। उनके खिलाफ शिकायतों के बाद एसडीएम खटीमा ने जांच की तो विभाग ने उन्हें लालकुआं नगरपंचायत में वापस भेज दिया। इस आदेश को प्रभारी ईओ धर्मानंद द्वारा याचिका दायर कर हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। एकलपीठ से मामले में अंतरिम राहत नहीं मिली तो उन्होंने विशेष अपील दायर कर चुनौती दी।
सरकार की ओर से सीएससी चंद्रशेखर रावत ने संविधान के अनुच्छेद-166 व 154 का हवाला देते हुए तर्क दिया कि सरकारी अधिकारी के तबादला व प्रमोशन आदि आदेश गवर्नर के नाम से जारी किया जाता है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मूल तैनाती स्थल पर वापस भेजने के आदेश पर हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।