चिकित्सकीय परीक्षण में फिट मिली हथिनियां
आठ हथिनियों के परीक्षण के लिए आइवीआरआइ बरेली से दो सदस्यीय चिकित्सको की टीम ने बीमार हथिनियों की जांच की।
संवाद सहयोगी, रामनगर: आठ हथिनियों के परीक्षण के लिए आइवीआरआइ बरेली से दो सदस्यीय चिकित्सकों की टीम रामनगर पहुंची। टीम ने उनके रखरखाव को लेकर वन विभाग को आवश्यक सुझाव दिए। परीक्षण में हथिनियां फिट पाई गई हैं।
बतादें कि ढिकुली स्थित रिसॉर्ट से कब्जे में ली गई हथिनियों के खून, गोबर व ट्रंक वॉश के नमूने वन विभाग ने आइवीआरआइ संस्थान भेजे थे। शुक्रवार को संस्थान के साइंटिफिक प्रिंसिपल व वाइल्ड लाइफ सेंटर के प्रभारी डॉ. एके शर्मा व चिकित्सक पराग निगम आमडंडा पहुंचे। दोनों चिकित्सकों ने हाथियों का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने वन कर्मियों से हाथियों को दिए जा रहे मेडिकल उपचार, भोजन, घुमाने, उनके रखरखाव एवं महावतों से उनके व्यवहार के बारे में जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने वन विभाग से हाथियों के पैरों में बांधी गई लोहे की जंजीर के बजाए प्रोटेक्टिव जंजीर बांधने, हमेशा बांधकर न रखने, खुले में खोलकर घुमाने, गोबर की सफाई करने, जमीन में पड़ी पेशाब की निकासी करने व ठीक तरह से नहलाने व पैर के नीचे तलवों की सफाई कराने के लिए कहा। चिकित्सक शर्मा ने बताया कि उनके संस्थान में वन विभाग ने जो जांच के लिए हथिनियों के खून, गोबर व ट्रंक वॉश के सेंपल भेजे थे वह सभी ठीक पाए गए हैं। आज की तारीख में सभी हथिनी पूरी तरह फिट हैं। इस दौरान डीएफओ नेहा वर्मा, पशु चिकित्सक दुष्यंत कुमार, एसडीओ केएन भारती, रेंजर बीपी पंत, प्रमोद पंत मौजूद रहे। जांच में नेगेटिव आई रिपोर्ट
रामनगर : बीते दिनों टीबी की बीमारी से ग्रसित दो हथिनियों को (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) आइवीआरआइ बरेली की चिकित्सकीय टीम ने ठीक बताया है। बता दें कि पिछले माह वन विभाग ने हथिनियों के खून, ट्रंक वॉश व गोबर के नमूने फोरेसिंक जांच के लिए बंगलुरु भेजे थे। लक्ष्मी व पवनकली नाम की हथिनी में टीबी पॉजीटिव पाया गया था। इसके बाद वन विभाग ने दोबारा सेंपल लिए और इसे टीबी की जांच आइवीआरआइ बरेली भेजा। बरेली लैब में जब इन सेंपल की जांच की गई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई। अब हथिनी के भीतर टीवी है या नहीं यह एक्सरे से पता चलेगा। 42 दिन में 36 लाख रुपये का खर्चा रामनगर: वन विभाग 42 दिन के भीतर हथिनियों की देखरेख में करीब 36 लाख रुपये खर्च कर चुका है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद दस अगस्त को वन विभाग ने हथिनियों को कब्जे में लेने की कार्रवाई शुरू की थी। तब से इस कार्य पर 36 लाख रुपये खर्चे की बात वन विभाग कह रहा है। वन विभाग को अभी हथिनियों की देखरेख के लिए 30 लाख रुपये का बजट ही मिल पाया है। इसके अलावा अभी वन विभाग और बजट का प्रस्ताव भेजने की बात कह रहा है। डीएफओ नेहा वर्मा ने बताया कि चिकित्सकों ने जो सुझाव दिए हैं। उससे हथिनियों की सुविधा पहले से अधिक बढ़ाई जाएगी तो बजट भी अधिक चाहिए।