सीटीआर में फिर मिला हाथी का शव, वन्यजीवों की निगहबानी पर उठे सवाल
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक और हाथी की मौत हो गई। वन कर्मियों को संदिग्ध हालत में करीब एक माह पुराने हाथी के शव के अवशेष मिले हैं।
रामनगर, जेएनएन : कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक और हाथी की मौत हो गई। वन कर्मियों को संदिग्ध हालत में करीब एक माह पुराने हाथी के शव के अवशेष मिले हैं। ऐसे में वन्य जीवों की निगाहबानी करने वाले कर्मचारियों की गश्त व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। 12 दिसंबर को भी कॉर्बेट पार्क में एक हाथी की मौत हो चुकी है।
कालागढ़ रेंज के खटपानी वन चौकी से करीब चार किलोमीटर दूर बड़ास्रोत के समीप वन कर्मियों को शनिवार को हाथी के अवशेष दिखे। उन्होंने पार्क अधिकारियों को हाथी मरने की जानकारी दी। इसके बाद कॉर्बेट पार्क के उपनिदेशक चंद्रशेखर जोशी, वनाधिकारी अमित वर्मा, पार्क वार्डन शिवराज चंद्र मौके पर पहुंचे। हाथी के मौके पर महज खाल व हड्डी के अवशेष पड़े हुए थे। अधिकारियों की मौजूदगी में हल्द्वानी के दो सदस्यीय पशु चिकित्सक आयुष उनियाल व विमल राज की मौजूदगी में शव के पोस्टमार्टम की औपचारिकता पूरी की गई। शव खराब हो जाने के कारण उसके नर या मादा होने व उसके उम्र की पहचान तक नहीं हो पाई। शव इतनी खराब हालत में मिलने से कॉर्बेट प्रशासन की गश्त पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अब तक कॉर्बेट पार्क में दस हाथी मौत की नींद सो चुके हैं।
बाघ के हमले में कुछ दिनो पहले हुई थी हथिनी की मौत
कॉर्बेट पार्क में कुछ दिनों पहले बाघ के हमले में हथिनी की मौत हो गई थी। कॉर्बेट पार्क में बीते बुधवार को वनकर्मी गश्त कर रहे थे। उन्हें सर्पदुली रेंज के ब्लॉक संख्या दस गेठिया रोड पर करीब तीन वर्षीय एक हथिनी मृत पड़ी मिली। कर्मचारियों ने आला अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद कॉर्बेट पार्क के निदेशक राहुल, सर्पदुली रेंजर जयपाल सिंह व कॉर्बेट के पशु चिकित्सक दुष्यंत कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे। चिकित्सक ने शव का परीक्षण किया। हथिनी का पिछला कुछ हिस्सा खाया हुआ था। इसके अलावा शव पर जगह-जगह जख्म के निशान भी पाए गए। वनाधिकारियों का मानना है कि हाथी की उम्र कम होने के कारण बाघ ने उस पर हमला कर दिया, जिस वजह से उसकी मौत हो गई। शव एक दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। निदेशक ने बताया कि बाघ के हमले में जख्म होने से हाथी की मौत हुई है।
एक वर्ष में दस हाथियों ने गंवाई जान
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का सिलसिला जारी है। इस साल जनवरी से अब तक नौ हाथी अलग-अलग वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। इसमें से ढिकाला में एक हाथी की करंट लगने से मौत हुई थी, जबकि चार की मौत कॉर्बेट प्रशासन प्राकृतिक रूप से होना बताता है।
- 09 जनवरी को हाथी का चार माह का मादा बच्चा सोनानदी रेंज में मृत मिला था। मौत की असल वजह साफ नहीं हो पाई।
- 31 जनवरी को फिर दस साल के एक हाथी की मौत झिरना में हो गई।
- 23 फरवरी को मंदाल रेंज में नर बच्चे की मौत हो गई।
- 13 जून को सात साल के हाथी की मौत भी झिरना रेंज में प्राकृतिक रूप से हुई।
- 22 जुलाई को ढिकाला क्षेत्र में नर हाथी की मौत करंट लगने से हुई।
- 25 सितंबर को सर्पदुली रेंज में ही एक माह का हाथी का बच्चा मृत मिला।
- 09 नवंबर को कालागढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी मृत मिला था।
- 28 नवंबर को भी दो वर्षीय एक नर हाथी कालागढ़ टाइगर रिजर्व के पाखरो क्षेत्र में मिला था
- 12 दिसंबर को कॉर्बेट पार्क में मिला था हाथी का शव
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