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गंगापुर में कभी नहीं चले पंखे और फ्रिज, 450 सदस्यों के गांव में नहीं पहुंची बिजली

काठगोदाम से गौलापार जाने वाली सड़क पर आलीशान सर्किट हाउस पर वीवीआइपी ठहरते हैं। सर्किट हाउस के ठीक सामने पड़ता है गंगापुर। इस गांव में पिछले 50 साल में लोगों को लाइट तक नसीब नहीं हुआ। वन भूमि मामले की वजह से उलझा मामला आज तक सुलझा नहीं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 09:49 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 09:49 AM (IST)
गंगापुर में कभी नहीं चले पंखे और फ्रिज, 450 सदस्यों के गांव में नहीं पहुंची बिजली
गंगापुर में कभी नहीं चले पंखे और फ्रिज, 450 सदस्यों के गांव में नहीं पहुंची बिजली

हल्द्वानी, जेएनएन : काठगोदाम से गौलापार जाने वाली सड़क पर आलीशान सर्किट हाउस पर वीवीआइपी ठहरते हैं। सर्किट हाउस के ठीक सामने पड़ता है गंगापुर। इस गांव में पिछले 50 साल में लोगों को लाइट तक नसीब नहीं हुआ। वन भूमि मामले की वजह से उलझा मामला आज तक सुलझा नहीं। लोगों के घर मे फ्रिज, कूलर, टीवी और पंखें सब हैं लेकिन डिब्बों से बाहर नहीं निकले।

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अस्सी परिवारों वाले गंगापुर गांव को 1970 के आसपास पूर्व सीएम एनडी तिवारी ने फारेस्ट लैंड पर बसाया था। पट्टे जारी होने पर लोग यहां पहुँच गए। गौला नदी से सटा यह इलाका हल्द्वानी वन प्रभाग की छकाता रेंज का हिस्सा है। वन विभाग के अड़ेंगे की वजह से यहाँ आज तक बिजली का खंबा नहीं लग सका। जबकि गांव में सड़क और पानी कनेक्शन की पूरी सहूलियत है।

इस इलाके के बीडीसी मेंबर रह चुके अर्जुन बिष्ट ने बताया कि पूर्व में ग्रामीणों संग धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल की गई। देहरादून जाकर भी अफसरों के सामने समस्या को रखा गया। लेकिन पचास साल बाद भी समाधान नहीं हो सका। वहीं, वन विभाग के अफसर कहते हैं कि पट्टे की अवधि समाप्त हो चुकी है। इसका नवीनीकरण भी नहीं कराया। इन तमाम कागजी कार्यवाही के चक्कर में गंगापुर में आज तक बिजली नहीं पहुँच सकी।

रिश्ते तक टूटे : स्थानीय लोगों की माने तो गांव में पक्के घर और रोजगार होने के बावजूद लड़कों की शादी करने में कई बार दिक्कत होने लगती है। अक्सर लोग लाइट नहीं होने की बात कहकर गंगापुर से रिश्ता जोड़ने में कतराते हैं। वहीं, गांव के कुछ युवा ऐसे भी हैं जो विवाह के बाद पत्नी संग हल्द्वानी में ही दूसरी जगह पर किराये पर रह रहे हैं।


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