निर्वाचन आयोग चुनावी ड्यूटी कटवाने की गुहार लगाने वालों के कामकाज का मांग रहा ब्यौरा
चुनाव ड्यूटी से भागने के लिए कार्मिक विभागों के कई दिन से चक्कर लगा रहे हैं। सीडीओ/नोडल अधिकारी कार्मिक ऊधमसिंह नगर मयूर दीक्षित के पास अभी तक करीब 600 लोगों ने अर्जियां दी हैं।
रुद्रपुर, जेएनएन : लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व 11 अप्रैल को है। जिसमें प्रतिभाग करने के लिए जागरूकता अभियान साल भर से चलाया जा रहा है। लेकिन, इसी में एक ऐसा वर्ग भी है जो बहाने बनाकर चुनाव ड्यूटी से कन्नी काटने पर अमादा है। जिसके लिए बीमारी का बहाना बनाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसे में सवाल यह है कि मेडिकली अनफिट लोग विभिन्न विभागों में नौकरी कैसे कर पा रहे हैं। इसी को देखते हुए अब निर्वाचन आयोग चुनाव ड्यूटी कटवाने की गुहार लगाने वालों के कामकाज का ब्यौरा मांग रहा है।
लोकसभा चुनाव के लिए ऊधमसिंह नगर जिले से करीब छह हजार मतदान कर्मियों को लगाया गया है। अन्य जिलों में भी यह संख्या दो से पांच हजार के बीच है। लेकिन एक दिन की चुनाव ड्यूटी से भागने के लिए कार्मिक विभागों के कई दिन से चक्कर लगा रहे हैं। सीडीओ/नोडल अधिकारी कार्मिक ऊधमसिंह नगर मयूर दीक्षित के पास अभी तक करीब 600 लोगों ने अर्जियां दी हैं। जिसमें वह शारीरिक, मानसिक व घरेलू दिक्कतों की वजह के चलते चुनाव में सहभागिता न कर पाने की बात कह रहे हैं। जिसके बाद नोडल अधिकारी ह्वह्य अवकाश मांगने वाले कार्मिकों के काम का हिसाब लेने का निर्णय लिया है। जिसमें उनके द्वारा बीते छह माह में किए गए काम का ब्यौरा लिया जाएगा। आवश्यकता पडऩे पर संबंधित कार्मिक को आवश्यक इलाज के लिए लंबी छुट्टी पर भेजा जा सकता है।
कमी पर नपेंगे कार्मिक
शिक्षा व विकास योजनाओं में कार्यरत कार्मिकों के काम में लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई भी की जाएगी। चुनाव बीतने के बाद ऐसी अर्जियों की जांच की जाएगी जिनके अवकाश स्वीकृत नहीं हो सके हैं। इसके बाद उनके छह माह के कार्य व्यवहार को देखा जाएगा। जिसमें उनके प्रदर्शन पर खास निगाह रहेगी।
चुनाव के बाद कर्मियों का किया जाएगा निरीक्षण
मयूर दीक्षित, नोडल अधिकारी, कार्मिक ने बताया कि अवकाश की अर्जी लगाने वाले कार्मिकों के कार्य प्रदर्शन को चेक किया जाएगा। चुनाव बाद सभी कार्मिकों का निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के आधार पर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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