Move to Jagran APP

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे आठ हजार मतदाता

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में मतदान का अधिकार समाप्त किए जाने के बाद से गौलापार के गंगापुर, सुल्तान नगरी सहित लगभग दस गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 04:32 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 06:24 PM (IST)
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे आठ हजार मतदाता
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे आठ हजार मतदाता

हल्द्वानी, जेएनएन : त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में मतदान का अधिकार समाप्त किए जाने के बाद से गौलापार के गंगापुर, सुल्तान नगरी सहित लगभग दस गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सरकारी सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों को ग्राम पंचायत की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। ऐसे में जुलाई 2019 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से पहले ग्रामीणों ने एक बार फिर शासन प्रशासन से गुहार लगाते हुए मतदान से वंचित किए गए गांवों को राजस्व ग्राम बनाने की मांग की है।

prime article banner

विकासखंड हल्द्वानी मुख्यालय से लभगभ पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर गौलापार के गंगापुर, सुल्तान नगरी, गोविंदग्राम, बागजाला, मदनपुर, जसपुर खोलिया, कालीपुर, प्रतापपुर, मानपुर, हरिपुर ठठोला गांव के ग्रामीण वर्ष 2014 से पहले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान करती रही है, लेकिन 2014 में इन गांवों को वनभूमि में स्थापित गांव की श्रेणी में शामिल करते हुए मतदान का अधिकार समाप्त कर दिया, जबकि ग्रामीण विधानसभा व लोकसभा चुनाव में मतदान करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जिन गांवों को पंचायत चुनाव में मतदान से वंचित किया गया है उन गांवों में सभी ग्रामीणों के पास राशनकार्ड, वोटर कार्ड और आधार कार्ड हैं, लेकिन राजस्व ग्राम नहीं होने के कारण अब ग्रामीणों को बैंक लोन सहित ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चलाई जा रही किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।

आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से पहले इन ग्रामीणों को राजस्व गांव बनाए जाने की अधिसूचना जारी नहीं की गई तो ग्रामीण आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। इन गांवों में तकरीबन आठ से दस हजार के आसपास महिला एवं पुरुष मतदाता हैं, जिन्होंने 2014 से पहले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान किया, लेकिन इस बार यह मतदाता वोट नहीं डाल पाएंगे।

क्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। राजस्व ग्राम न होने से सरकारी सुविधाओं का ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा।

- भोपाल राम, हरिपुर ठठोला, गौलापार

कुछ दिन पहले हमने आयुक्त कुमाऊं के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा है। ग्रामीणों को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान का अधिकार दिया जाए।

- महंत पूरननाथ, देवला तल्ला, गौलापार

सड़कों की हालत बेहद खराब है। ग्राम पंचायतों में मतदान से वंचित करने के बाद अब जनप्रतिनिधि भी क्षेत्र में नहीं आते।

- केशव दत्त परगाईं, जसपुर खोलिया

ग्रामीण पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन यहां के लिए किसी तरह की कोई सरकारी योजना नहीं है, जिससे ग्रामीणों को राहत मिल सके।

- बिशन परगाईं, जसपुर खोलिया

यह भी पढ़ें : भीमताल के इस गांव में पहली बार पहुंचा कोई विधायक तो झूम उठे ग्रामीण

यह भी पढ़ें : सावधान! रामनगर के इस इलाके में घूम रही है बाघिन, घर से न निकलें अकेले


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.