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कुमाऊंनी को सम्मान दिलाने के प्रयास होंगे तेज

नौकुचियाताल के मौनी माई आश्रम भक्तिधाम में आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार में कुमाऊंनी भाषा के उत्थान पर गहन मंथन किया गया। इस मौके पर कुमाऊंनी को यथोचित सम्मान दिलाने के लिए ठोस प्रयास किए जाने पर बल दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 10:37 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 10:37 AM (IST)
कुमाऊंनी को सम्मान दिलाने के प्रयास होंगे तेज
कुमाऊंनी को सम्मान दिलाने के प्रयास होंगे तेज

संवाद सहयोगी, भीमताल : नौकुचियाताल के मौनी माई आश्रम भक्तिधाम में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कुमाऊंनी भाषा सम्मेलन का मंगलवार को विधिवत समापन हुआ। इस दौरान कुमाऊंनी भाषा को यथोचित सम्मान दिलाने के लिए मुहिम तेज करने का संकल्प लिया गया।

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समापन सत्र के मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख हरीश बिष्ट ने कुमाऊंनी भाषा को क्षेत्र की पहचान बताया और इसके संरक्षण व संवर्धन की जरूरत पर बल दिया। हरीश बिष्ट ने कहा कि आधुनिकता के युग में जहां हम धीरे-धीरे पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे हैं, वहीं अपनी संस्कृति और बोलचाल की भाषा को भी त्याग रहे हैं, जबकि कुमाऊंनी भाषा अपने आप में पूर्ण भाषा है। उन्होंने कुमाऊंनी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मलित करने के लिए चलाए जा रहे अभियान का समर्थन किया। इस दौरान आयोजक सचिव डा. हयात सिंह रावत ने कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए तीन दिवसीय कार्यक्रम की उपलब्धियां गिनाई।

संयोजक सेवानिवृत प्रधानाचार्य डा. हरीश चंद्र सिंह रौतेला ने इसे अभियान की संज्ञा देते हुए कुमाऊंनी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे संघर्ष को जारी रखने पर बल दिया। जमन सिंह बिष्ट ने बताया कि पिछले दस साल से इस तरह के सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। डा. दीपा कांडपाल ने कुमाऊंनी भाषा की सर्वग्राहयता के लिए अब तक हुए प्रयासों पर प्रकाश डाला और अभियान की सफलता की कामना की। हल्द्वानी की शिक्षिका और फिल्म मेकर मंजू पांडे ने चलचित्र के क्षेत्र में भी कुमाऊंनी भाषा पर कार्य करने की जरूरत बताई।

अंत में ब्लाक प्रमुख हरीश सिंह बिष्ट, हयात सिंह रावत, जमन सिंह बिष्ट, सुरेश चंद्र आर्या, पूरन चंद्र कांडपाल, गजेन्द्र बिष्ट, अनिल चनौतिया ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। इस मौके पर रामपाल सिंह गंगोला, रोहित बिष्ट, विपिन पांडे समेत कई साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।

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:: इनसेट

कुमाऊंनी के उत्थान को कार्य करने वाले साहित्यकार सम्मानित

भीमताल: सम्मेलन के समापन अवसर पर कुमाऊंनी भाषा के उत्थान के लिए कार्य करने वाले साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। ब्लाक प्रमुख और आयोजकों द्वारा बागेश्वर के किशन सिंह मलड़ा, दिल्ली के गिरीश चंद्र, अल्मोड़ा के जमन सिंह बिष्ट व देवकी पांडे को सम्मानित किया गया। इन सभी को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न भेंट किए गए।

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कई रचनाकार भी पुरस्कृत

भीमताल : सम्मेलन के दौरान कुमाऊंनी भाषा में रचनाएं लिखने वाले साहित्यकारों को भी पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत होने वालों में नैनीताल की दीपा कांडपाल, जैंती के शंकरदत्त जोशी, दन्या के शिवदत्त पांडे, भिकियासैंण के कृपाल सिंह, हल्द्वानी के प्रदीप उपाध्याय, देवकी नंदन, मयंक, पिथौरागढ़ के नरेन्द्र ठाकुराठी शामिल थे। इन्हें प्रतीक चिन्ह और प्रमाण पत्र भेंट किए गए।


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