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राज्य पलायन आयोग के उपाध्यक्ष बोले, हर जिले के 30 गांवों की सुधारेंगे आर्थिकी

राज्य पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी के अनुसार आयोग हर जिले के 30 गांवों का चयन कर वहां के ग्रामीणों की आर्थिकी सुधारने के लिए सरकार को सुझाव देगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 12:33 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 07:09 PM (IST)
राज्य पलायन आयोग के उपाध्यक्ष बोले, हर जिले के 30 गांवों की सुधारेंगे आर्थिकी
राज्य पलायन आयोग के उपाध्यक्ष बोले, हर जिले के 30 गांवों की सुधारेंगे आर्थिकी

नैनीताल, जेएनएन। राज्य की अर्थव्यवस्था का सर्विस सेक्टर का हिस्सा 50 फीसद पहुंच गया है, जबकि कृषि पर निर्भरता सिर्फ दस फीसद रह गई है, जबकि राष्टï्रीय औसत 15 फीसद है। पलायन आयोग ने पौड़ी गढ़वाल के 30 गांवों की आर्थिकी संवारने के लिए रिपोर्ट तैयार कर दी है, जबकि अल्मोड़ा में भी जल्द रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरू किया जाएगा। हर जिले में आयोग की ओर से 30 गांवों का चयन कर आर्थिकी संवारने का रोडमैप तैयार कर उसके क्रियान्वयन की सिफारिश सरकार से की जाएगी।
सोमवार को कुमाऊं विवि के हरमिटेज भवन में राज्य पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. शरद सिंह नेगी ने जागरण से भेंट वार्ता में बताया कि पर्वतीय क्षेत्र में 40 फीसद पलायन गांव से जिले या सड़क किनारे हो रहा है। आयोग का लक्ष्य मजबूरी में पलायन कर रहे लोगों को रोकने के साथ ही उन्हें आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए संसाधन मुहैया कराने का रास्ता तैयार कर सरकार को सुझाव देना है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में शिक्षा के लिए भी पलायन हो रहा है। आयोग के सुझाव पर सरकार द्वारा ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने माना कि पहाड़ के अधिकांश जिलों में लोग अब खेती को तैयार नहीं हैं, लेकिन कतिपय जिलों में नेपाली उन्हीं स्थानों पर फल सब्जी उगा रहे हैं।
उन्होंने परंपरागत बीज खत्म होने पर चिंता जताते हुए कहा कि  राज्य में प्रतिव्यक्ति मासिक आय पांच हजार को बढ़ाकर आठ-दस हजार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए गांवों में आय के संशाधन बढ़ाने होंगे। इस अवसर पर कुमाऊं विवि के प्रो. अतुल जोशी आदि मौजूद थे।

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