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एटीएम बंद हुए तो ठहर जाएगी पहाड़ की अर्थव्यवस्था, जानिए कैसे

एटीएम उद्योग के संगठन कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (कैटमी) ने चेताया है कि अगले चार माह में वह देश के आधे से ज्यादा एटीएम बंद कर सकता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 23 Nov 2018 05:08 PM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2018 05:08 PM (IST)
एटीएम बंद हुए तो ठहर जाएगी पहाड़ की अर्थव्यवस्था, जानिए कैसे
एटीएम बंद हुए तो ठहर जाएगी पहाड़ की अर्थव्यवस्था, जानिए कैसे

हल्द्वानी, जेएनएन : एटीएम उद्योग के संगठन कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (कैटमी) ने चेताया है कि अगले चार माह में वह देश के आधे से ज्यादा एटीएम बंद कर सकता है। एटीएम संचालन के नियमों में बदलाव से कंपनियों को हो रहे नुकसान को इसकी वजह बताया है। कैटमी की चेतावनी विषम भौगोलिकता वाले कुमाऊं के लिए चिंता पैदा करने वाली है। पर्वतीय इलाकों में जहां एटीएम पर पूरी बैकिंग निर्भर है, एटीएम बंद होने से वहां आर्थिक संकट जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। एटीएम बंद किए जाते हैं तो नैनीताल जिले के पर्वतीय इलाकों, छोटे कस्बों में सर्वाधिक असर पड़ेगा।

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यह है कैटमी की चेतावनी की वजह

कैटमी के मुताबिक, देश में 2.28 लाख एटीएम हैं। इनमें आधे आउटर एरिया में हैं। एटीएम के हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर अपग्रेड को लेकर आए नए नियमों के कारण पुराने एटीएम का संचालन मुश्किल हो रहा है। कैश मैनेजमेंट के मानक व कैश लोडिंग को लेकर भी नियम जारी हुए हैं। एटीएम कंपनियां घाटा उठाने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में एटीएम बंद करना ही विकल्प बचता है।

जिले में 256 एटीएम, 35 फीसद आउटर में

नैनीताल जिले में 256 एटीएम हैं। हल्द्वानी, नैनीताल, रामनगर आदि में एटीएम की भले ही अधिकता है, लेकिन ग्रामीण एरिया में भी एटीएम की अच्छी संख्या हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित 70 से 80 एटीएम पर क्षेत्र की पूरी बैकिंग निर्भर करती है।

नोटबंदी की तरह हो सकते हैं हालात

उत्तराखंड बैंक इंपलाइज यूनियन के सहायक महामंत्री केएन शर्मा का कहना है कि समय के साथ लोगों की आदत बदल गई है। करीब 80 फीसद लोग बैंक जाने के बजाय एटीएम से लेनदेन करने के आदी हो गए हैं। एटीएम बंद होते हैं तो बैंकों में लंबी लाइन लगने लगेगी। जानकारों के मुताबिक, एक तरह से यह नोटबंदी की तरह होगा। ऐसे में सरकार को कोई फैसला लेना चाहिए।

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