Dussehra 2022 : हल्द्वानी में जलाने के लिए रावण को बारिश से बचाने की जुगत, तस्वीरों में देखें
Dussehra 2022 दशहरे को लेकर हल्द्वानी के रामलीला मैदान में तैयार किए गए पुतलों पर बारिश का साया उमड़ पड़ा है। शाम को रावण दहन के लिए पुतले बारिश में भीग न जाएं इसे लेकर कारीगरों को अतिरिक्त सतर्कता और व्यवस्था करनी पड़ी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Dussehra 2022 : आज हर जगह बुराई पर अच्छाई की जीत और अधर्म पर धर्म की जीत के प्रतीक का त्योहार विजयदशमी मनाया जा रहा है। इसे लेर हर जगह बुराई के प्रतीक रावण और उसके कुल के पुतले तैयार हो चुके हैं। मगर इस त्योहार पर मौसम ने खलल डाल दी है। हल्द्वानी और आसपास के इलाकों में बारिश शुरू हो गई है।
हल्द्वानी में सुबह से ही बादल छाए हुए थे। इससे बारिश का अंदेशा जताया जा रहा था। मौसम विभाग ने भी बारिश का अलर्ट जारी किया है। दशहर के त्योहार पर मौसम विभाग के अलर्ट ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। खासकर रामलीला आयोजन समिति और उन कारीगरों के लिए जो रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले तैयार कर रहे थे।
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विजयदशमी या दशहरे पर बुराई और अधर्म के प्रतीक के रूप में रावण दहन की परंपरा है। इसे लेकर तैयार किए गए पुतलों पर बारिश का साया उमड़ पड़ा है। शाम को रावण दहन के लिए पुतले बारिश में भ्ीाग न जाएं, इसे लेकर कारीगरों को अतिरिक्त सतर्कता और व्यवस्था करनी पड़ी।
हल्द्वानी में दोपहर बार जोरदार बारिश शुरू हो गई, जिसके कारण रावण के पुतलों को होर्डिंग्स, तिरपाल आदि की मदद से बचाने की जुगत करनी पड़ी। रामलीला मैदान में इस दौरान कुछ देर अफरातफरी का भी माहाैल रहा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर हर साल दशहरा मनाया जाता है। इस मौके पर जगह-जगह पर रावण दहन किया जाएगा। दशहरे के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने लंकापति दशानन रावण का वध करके अहंकार और अधर्म का नाश किया था। इसके बाद से ही यह त्योहार मनाने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन मांगलिक और शुभ कार्य करना अच्छा मानते हैं।
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