Move to Jagran APP

धान रोपाई का क्षेत्रफल घटा, उत्पादन में भी आई गिरावट

उत्तराखंड में धान उत्पादन के क्षेत्रफल में तीन प्रतिशत की कमी आई है। इससे उत्पादन पर भी फर्क पड़ा है। अगर यह कमी लगातार जारी रही तो आने वाले समय में उत्पादन और गिर सकता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 05:12 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 05:12 PM (IST)
धान रोपाई का क्षेत्रफल घटा, उत्पादन में भी आई गिरावट
धान रोपाई का क्षेत्रफल घटा, उत्पादन में भी आई गिरावट

हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड में धान उत्पादन के क्षेत्रफल में तीन प्रतिशत की कमी आई है। इससे उत्पादन पर भी फर्क पड़ा है। अगर यह कमी लगातार जारी रही तो आने वाले समय में उत्पादन और गिर सकता है। जून में खरीफ सीजन शुरू हो जाएगा। कुमाऊं में 1,68,510 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बुआई होगी, जिससे 1,47,623 मीट्रिक टन धान का उत्पादन होने का अनुमान है।

loksabha election banner

क्षेत्रफल कम होने की ये हैं प्रमुख वजह

कृषि विभाग के अनुसार तीन फीसद की कमी बेहद मामूली है। इसके पीछे जो सबसे प्रमुख कारण सामने आ रहा है, वह है किसानों का उद्यान और नगदी फसलों की ओर रूझान होना। साथ ही मौसम और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी न मिलना भी एक वजह मानी जा रही है। इसके अलावा पॉलीहाउस में संरक्षित खेती भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। शुरुआती दौर में धान के क्षेत्रफल में कमी का बहुत मामूली असर देखने को मिलेगा, लेकिन भविष्य में कमी बरकरार रही तो उत्पादन पर इसका प्रत्यक्ष असर पड़ेगा।

34,855 मीट्रिक टन की कमी

खरीफ सीजन 2017-18 में कुमाऊं में 168510 हेक्टेयर कृषि भूमि में धान की रोपाई की गई थी, जिससे 477216 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ, जबकि खरीफ सीजन 2018-19 में सीजन में इसमें तीन फीसदी की कमी आई और केवल 168471 हेक्टेयर में ही रोपाई हुई। जिसका असर उत्पादन पर भी पड़ा और 34,855 मीट्रिक टन की कमी के साथ 442361 मीट्रिक टन ही धान उत्पादन हुआ।

चार जिलों से ज्यादा उत्पादन तराई-भाबर में

तराई-भाबर की उपजाऊ मिट्टी धान उत्पादन के मामले में कुमाऊं के चार पर्वतीय जिलों से ज्यादा उत्पादन कर रही है। प्रदेश की कुल पीडीएस जरूरत का लगभग पचास प्रतिशत हिस्सा तराई से पूरा होता है। पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा व नैनीताल के पर्वतीय भाग में कुल 98,463 मीट्रिक टन धान उत्पादन होता है, जबकि अकेले ऊधमसिंहनगर में ही प्रति खरीफ सीजन तकरीबन 3,43898 मीट्रिक टन उत्पादन किया जा रहा है।

कुमाऊं में धान उत्पादन की स्थिति

जिले-क्षेत्रफल-उत्पादन

अल्मोड़ा=9681-11544

बागेश्वर-14229-17209

चम्पावत-4602-6846

नैनीताल-10974-35157

पिथौरागढ़-21830-27707

यूएसनगर-107155-343898

नोट : क्षेत्रफल हेक्टेयर व उत्पादन मीट्रिक टन में।

यह भी पढ़ें : नगर निगम को लाखों की चपत लगाकर हाट बाजार संचालक खुद हो रहे मालामाल

यह भी पढ़ें : बेबसी : रामनगर में 336 रुपये का लग रहा एंटी रेबीज का टीका, आम आदमी परेशान

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.