Video: पिथौरागढ़: पुल नहीं होने से मां को पीठ पर ढोकर अस्पताल पहुंचा बेटा, जीवन खतरे में डाल पार की उफनाई नदी
pithouragarh news खुमती गांव पर अन्य गांवों से अलग- थलग पड़ा हुआ है। बारिश से नदी- नाले उफान पर हैं। इसी दौरान गांव निवासी 78 वर्षीय जसमती देवी की तबीयत अधिक खराब होने से उसे अस्पताल तक पहुंचाने की चुनौती बन गई।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : Pithouragarh News: पहाड़ की समस्याएं भी पहाड़ सरीखी ही हैं। अच्छी सड़क का अभाव, अस्पतालों की कमी यहां की नियति बन चुकी है।। तभी मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की जगह डोली या फिर ग्रामीणों की पीठ काम आती है। मरीजों को तेज लहरों के साथ शोर मचाती और उफान मारती नदियों के बीच से पारकर ले जाना होता है। सीमांत तहसील धारचूला में यहीं मामला फिर देखने को मिला है। जब तहसील के खुमती गांव में एक बेटा अपनी बीमार और बूढ़ी मां को पीठ पर लादकर नदी पार करते हुए अस्पताल पहुंचा।
पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील के खुमती गांव की कि आबादी 1200 के आसपास है। ग्रामीण ढाई माह से इस समस्या को झेल रहे है। पुल के अभाव में बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं और ऐसे में अपनी बीमार मां को बेटा पीठ पर ढोकर अस्पताल पहुंचा है। pic.twitter.com/fT2NNRomBC
— Rajesh Verma (@rajeashverma) September 24, 2022
गांव पर टूटा है बारिश का कहर
धारचूला तहसील का खुमती गांव पर बारिश का कटर खूब टूटा है। यहां अभी अन्य गांवों से अलग- थलग पड़ा हुआ है। बारिश से नदी- नाले उफान पर हैं। इसी दौरान गांव निवासी 78 वर्षीय जसमती देवी की तबीयत अधिक खराब होने से उसे अस्पताल तक पहुंचाने की चुनौती बन गई। उफान पर आई नदी पार करने की समस्या विकट थी, तो महिला की जान भी बचानी थी। ग्रामीण महिला को पीठ पर ढोकर नदी पार कर दूसरी तरफ पहुंचे, जहां से बीमार महिला को धारचूला पहुंचाया गया।
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ढाई महीने से समस्या झेल रहे 1200 ग्रामीण
खुमती गांव की आबादी 1200 के आसपास है। ग्रामीण ढाई माह से इस समस्या को झेल रहे है। पुल के अभाव में बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं।
नई नहीं है ये समस्या
पहाड़ पर यह कोई नई समस्या नहीं है। पूरे कुमाऊं में ऐसी तस्वीर हर रोज दिख जाती है। इससे पहले 11 जुलाई को पिथौरागढ़ जिले में ही विकासखंड मुनस्यारी में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। जहां ग्रामसभा बोना की गोल्फा गांव की गीता देवी की अचानक तबीयत खराब होने पर उसे ग्रामीण 30 किमी पैदल लेकर मदकोट पहुंच थे। इसके बाद उन्हें वहां से 108 एम्बुलेंस की मदद से उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी पहुंचाया गया था।
यही नहीं, 27 जुलाई को पिथौरागढ़ के नाचनी में भी ऐसी तस्वीर सामने आई थी। जब भारी बारिश के कारण नौ किमी लंबी बांसबगड़-गूंठी सड़क कई जगह बंद हो गई थी। इससे गांव की 800 से अधिक की आबादी के सामने आवागमन की परेशान खड़ी हो गई थी, तब गूंठी निवासी निवासी दान सिंह अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों ने डोली का सहारा लिया था और फिर उसे पैदल रास्तों से होकर नाचनी और वहां से वाहन से अस्पताल ले जाया जा सका था।