एसएसजे कैंपस के छात्र संघ भवन में लिया जाता है ड्रग्स, फॉयल पेपर के अधजले टुकड़े मिले
एसएसजे कैंपस एक बार फिर सुर्खियों में । छात्रसंघ भवन को सुपुर्दगी में लिए जाने के दौरान कमरे से फॉयल पेपर के कई टुकड़े व सिगरेट की तरह रोल किया गया दस रुपये का नोट बरामद हुआ है।
अल्मोड़ा, जेएनएन : सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय यानी एसएसजे कैंपस एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। छात्र संघ भवन को सुपुर्दगी में लिए जाने के दौरान कमरे से फॉयल पेपर के कई टुकड़े व सिगरेट की तरह रोल किया गया दस रुपये का नोट बरामद हुआ। चूंकि बीते वर्ष एसएसजे परिसर कुछ छात्र स्मैक के साथ गिरफ्तार किए गए थे। लिहाजा परिसर निदेशक ने माना कि समैक से जुड़ी गतिविधियां चिंताजनक हैं। उन्होंने तत्काल कमेटी गठित कर अधिष्ठाता छात्र कल्याण को जांच के निर्देश दिए। कहा कि कोतवाली में तहरीर दी जाएगी। अलबत्ता, छात्रों के चोरी छिपे ड्रग्स लेने की चर्चाएं जोरों पर हैं।
दरअसल, छात्र संघ का कार्यकाल बीती 30 जून को समाप्त हो गया है। लिंगदोह कमेटी के अनुसार विशेष परिस्थितियों में कार्यकाल आठ सप्ताह तक बढ़ाया जा सकता है। इधर अवधि तो पूरी हो गई। मगर कोरोना संक्रमण के मद्देनजर छात्र संघ चुनाव की तैयारी तक नहीं हुई। ऐसे में छात्र संघ भवन को परिसर निदेशक के सुपुर्द किए जाने की मांग करते हुए सोमवार को एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने हंगामा काटा। आरोप लगाया कि भवन के भीतर रखा सामान भी गायब है।
उन्होंने कक्ष की चाबी भी निदेशक के सुपुर्द न किए जाने पर कड़ा एतराज जताया। मामला शांत कराने के लिए परिसर निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. जया उप्रेती व कुलानुशासक डॉ. संजीव आर्या की मौजूदगी में ताला तुड़वाया गया। भीतर का मंजर देख परिसर निदेशक व अन्य हैरत में पड़ गए। फॉयल पेपर के टुकड़े बीच या कोने से जले पड़े थे। दस रुपये का नोट सिगरेट की तरह रोल किया गया था।
कुछ दिन पूर्व एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने विवि परिसर में लगे छात्र संघ पदाधिकारियों के बोर्ड पर सफेद रंग पोत दिया था। तब एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं के खिलाफ विवि प्रशासन ने तहरीर दे दी थी। इधर छात्र संघ भवन का सामान गायब होने तथा चाबी परिसर निदेशक को न सौंपे जाने पर कार्रवाई की मांग करते हुए एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने हंगामा काटा। फॉयल पेपर के टुकड़े मिलने के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि भवन का इस्तेमाल ड्रग्स लेने में किया जाता था। इस मौके पर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सुनील कठायत, महासचिव आशीष पंत, अक्षय टम्टा व ललित सतवाल, पूर्व छात्र संघ कोषाध्यक्ष संजीव कम्र्याल, चंदन बहुगुणा, अमित बिष्ट, बालविक्रम सिंह रावत, राहुल खोलिया आदि मौजूद रहे। इधर निवर्तमान छात्र संघ दीपक उप्रेती से इस संबंध में संपर्क साधा गया लेकिन फोन बिजी मिला।
परिसर निदेशक एसएसजे विवि प्रो. जगत सिंह बिष्ट फॉयल पेपर का इस्तेमाल ड्रग्स लेने में ही किया जाता है। छात्र संघ भवन में आम छात्र व पदाधिकारी आते रहते हैं। प्राध्यापक या कर्मचारी तो आएंगे नहीं। चार बार हम ताले बदल चुके। स्मैक जैसी गतिविधियां मिली हैं। यह चिंता का विषय है। कमेटी गठित कर जांच कराएंगे कि यह मामला कब से चल रहा था। भवन से सामग्री गायब होने की सूचना मिली है। उसका भी पता लगाएंगे। एफआइआर कराएंगे।
कोतवाल हरेंद्र चौधरी ने बताया कि कॉलेज का मामला जानकारी में नहीं है। तहरीर मिलने पर ही कार्रवाई करेेंगे। वैसे फॉयल पेपर के टुकड़ों का इस्तेमाल ड्रग्स लेने में किया जाता है। उस पर स्मैक रख नीचे से तिल्ली या लाइटर से जलाया जाता है। फिर किसी पाइप को नशे के लिए इस्तेमाल करते हैं।