कुमाऊं में हर साल बढ़ रहे नशे के सौदागर, तीन साल में 19 कराेड़ के मादक पदार्थ बरामद nainital news
पहाड़ में सुख-सुविधाएं बढ़ने के साथ ही नशे का अवैध कारोबार भी बढ़ता गया। साल दर साल नशे की गिरफ्त में आने वाले युवाओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।
नैनीताल, जेएनएन : पहाड़ में सुख-सुविधाएं बढ़ने के साथ ही नशे का अवैध कारोबार भी बढ़ता गया। साल दर साल नशे की गिरफ्त में आने वाले युवाओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। पुलिस विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 2017 से 2019 तक तकरीबन 18 करोड़ की दारू, स्मैक, चरस और अन्य नशीले पदार्थ बरामद किए जा चुके हैं। नशीले पदार्थों की तस्करी में पहले नंबर पर है ऊधमसिंहनगर जिला और दूसरे नंबर नैनीताल। इसके अलावा आंकड़ों पर गौर करें तो पहाड़ के जिलों में भी नशे के लती युवओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। डीआइजी कार्यालय के मुताबिक 2017 में 3.45 करोड़ की शराब और 2.36 करोड़ के अन्य मादक पदार्थ पकड़े गए। आबकारी एक्ट में 1990 मुकदमे मंजीकृत किए गए तो 2180 तस्करों पर मुकदमा दर्ज किया गया। 2018 में एनडीपीएस एक्ट में 382 मुकदमें दर्ज किए गए और 415 तस्कर गिरफ्तार किए गए। इस वर्ष अब तक 465 मुकदमे दर्ज कर 528 तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बागेश्वर : सिर चढ़कर बोल रहा नशा
बागेश्वर के यूथ की नसों में नशा ऐसा उतरा कि तस्करी लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसकी तस्दीक खुद पुलिस रिकॉर्ड कर रहे हैं। वर्ष 2018 में नौ मामले चरस के पकड़े गए। 2019 में आते-आते यह संख्या बढ़कर 15 हो गई। इनमें अधिकतर युवा शामिल रहे। चरस के साथ शराब तस्करी में भी इजाफा हुआ है। पिछले दो सालों में 78 लाख से अधिक की अवैध शराब पकड़ी गई है। मामले में 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
अल्मोड़ा : चरस पहाड़ की, यूपी से स्मैक का सौदा
यहां के युवाओं की बड़ी संख्या चरस, स्मैक व गांजे की गिरफ्त में है। उत्तर प्रदेश से संचालित अंतरराज्यीय तस्करी गिरोह ने पहाड़ को नशे की मंडी के रूप में इस्तेमाल किया है। इस वर्ष 57.72 लाख की अवैध शराब बरामद की गई। वर्ष 2017 में आबकारी एक्ट के तहत 140 मुकदमे दर्ज किए गए। वर्ष 2018 में शराब तस्करी के 140 मामले दर्ज किए गए। इस वर्ष अक्टूबर तक 130 मुकदमे दर्ज कर कारोबार में शामिल 145 तस्करों को पकड़ा गया। चरस के मामले में भी गंभीर बने हुए हैं। अब तक 37.38 लाख रुपये की चरस, गांजा व स्मैक बरामद की गई।
पिथौरागढ़ : चरस ने बिगाड़ा, स्मैक उजाडऩे को तैयार
सीमांत जिले के सुदूरवर्ती गांवों तक नशे की पैठ बन गई है। दुर्गम क्षेत्रों में तस्कर घोड़ा, खच्चर से हरियाणा निर्मित शराब पहुंचा रहे हंै। यहां चरस का धंधा तो पुराना हो चला है। स्मैक तस्करी ने नई समस्या खड़ी कर दी है। इस वर्ष अब तक अवैध शराब के 222 मामले सामने आए। 236 तस्करों को पकड़ा गया। स्मैक और चरस के कुल 18 मामले दर्ज किए गए। इस बीच 32 किलो 431 ग्राम चरस पकड़ी गई।
उधमसिंह नगर : तीन साल में 647 तस्कर गिरफ्तारी
औद्योगिक नगरी में नशीले पदार्थों की तस्करी तेजी से बढ़ी है। बीते तीन साल में पुलिस ने तस्करी के 590 मामले दर्ज किए। 647 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। 2017 में 153 मामलों में 177 तस्कर गिरफ्तार हुए। 2018 में यह संख्या बढ़कर 204 पर पहुंच गई। दरअसल, तराई उत्तर प्रदेश के पांच जिलों से सटा है। ऐसे में चरस, स्मैक, डोडा, नशीले इंजेक्शन, कैप्सूल, गांजा और अफीम आसानी से सप्लाई हो जा रही है।
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