टीबी की दवा की एक खुराक छोड़ना भी नुकसानदेह, रैली निकालकर बीमारी से किया जागरूक
क्षय रोग दिवस पर हर वर्ष एक नई थीम आयोजित की जाती है। इस बार की थीम द क्लॉक इज टिकिंग है। इसका मतलब है कि समय की गति तेजी से बढ़ रही है। इसलिए टीबी को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लेना है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : टीबी का इलाज संभव है, लेकिन दवा की एक खुराक छोडऩा आपके लिए अधिक तकलीफदेह हो सकता है। सरकारी अस्पतालों में टीबी का निश्शुल्क इलाज है। इसका लाभ उठाया जाए। बनभूलपुरा क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने के लिए बुधवार को विश्व क्षय रोग दिवस पर जागरूकता अभियान चलाकर यह अपील की गई।
राजकीय इंटर कालेज में जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश ढकरियाल ने कहा कि क्षय रोग दिवस पर हर वर्ष एक नई थीम आयोजित की जाती है। इस बार की थीम द क्लॉक इज टिकिंग है। इसका मतलब है कि समय की गति तेजी से बढ़ रही है। इसलिए टीबी को जड़ से समाप्त करने का संकल्प लेना है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रश्मि पंत ने कहा कि अगर दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहती है तो इस बारे में डाक्टर को बताएं। कार्यक्रम में निबंध लेखन, पोस्टर, स्लोगन लेखन आदि प्रतियोगिताओं में शामिल विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। संचालन प्रमोद भट्ट ने किया। इस दौरान प्रधानाचार्य नसरीम अख्तर, एनएमएम के मदन मेहरा, राघवेंद्र रावत, दीवान बिष्ट, अजय भट्ट, जीत प्रोजेक्ट की शिल्पी पांडे आदि शामिल रहे।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें