अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन ग्रीास में अल्मोड़ा के डॉ. हरिसुमन को मिलेगा रवींद्रनाथ टैगोर सम्मान
गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार-2019 के लिए अल्मोड़ा निवासी प्रतिष्ठित कथाकार व नाट्य लेखक डॉ. हरिसुमन बिष्ट को चुना गया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार-2019 के लिए अल्मोड़ा निवासी प्रतिष्ठित कथाकार व नाट्य लेखक डॉ. हरिसुमन बिष्ट को चुना गया है। साहित्य के विविध अनुशासनों में अप्रतिम व समानांतर रचनात्मक लेखन के लिए सृजनगाथा डॉट कॉम की ओर से हर साल यह सम्मान दिया जाता है।
चयन समिति के संयोजक जयप्रकाश मानस की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक डॉ. बिष्ट को मानपत्र, प्रतीक चिह्न व 51 हजार रुपये प्रतीक राशि के साथ 7 जून को एथेंस के ग्रीस शहर में होने वाले 17वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में यह सम्मान दिया जाएगा। दिल्ली सरकार में हिंदी अकादमी के सचिव रह चुके डॉ. बिष्ट अल्मोड़ा जिले की तहसील भिकियासैंण के कुंहील गांव के रहने वाले हैं। डॉ. बिष्ट की तीन दर्जन से अधिक रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी संपादित व प्रो. हेम चंद्र पांडे की ओर से मूल रूसी से अनुदित कहानी संग्रह 'अपनी जबान में कुछ कहो' को 1984 का सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार मिला। डॉ. बिष्ट इससे पहले ताशकंद-समरकंद रूस में संपन्न अंहिंस व नवें विश्व हिंदी सम्मेलन जोहान्सबर्ग में शिरकत कर चुके हैं।
डॉ. बिष्ट की प्रमुख कृतियां
उपन्यास : ममता, आसमान झुक रहा है, होना पहाड़, आछरी-माछरी, बसेरा, भीतर कई एकांत।
कथा संग्रह : सफेद दाग, आग व अन्य कहानियां, मछरंगा, बिजूका, मेले की माया (नव साक्षरों के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित), उत्तराखण्ड की लोक कथाएं (नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित)।
यात्रा-वृतांत : अंतर्यात्रा- बांग्ला में अनुवाद 'आमार ए पोथ'
नाटक : 'ख्वाब एक उड़ता हुआ परिन्दा था'
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