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पहाड़ पर 300 किलोमीटर दूर सफर 60 मरीजों का ऑपरेशन कर लौटाई रोशनी nainital news

डॉ. जीएस तितियाल छह वर्षों से हल्द्वानी से 300 किलोमीटर दूर पहुंच निश्शुल्क नेत्र शिविर आयोजित करते हैं। इस वर्ष 26 से 29 फरवरी तक शिविर चला।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 08:26 AM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 08:26 AM (IST)
पहाड़ पर 300 किलोमीटर दूर सफर 60 मरीजों का ऑपरेशन कर लौटाई रोशनी nainital news
पहाड़ पर 300 किलोमीटर दूर सफर 60 मरीजों का ऑपरेशन कर लौटाई रोशनी nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : सीमांत जिला पिथौरागढ़ का दुर्गम क्षेत्र धारचूला, जो स्वास्थ्य सुविधाओं से पूरी तरह उपेक्षित है। यहां पर लोग मोतियाबिंद जैसे ऑपरेशन के लिए भी साल भर का इंतजार करने को मजबूर हैं। दूरस्थ गांव तिदांग से निकले डॉ. जीएस तितियाल छह वर्षों से हल्द्वानी से 300 किलोमीटर दूर पहुंच निश्शुल्क नेत्र शिविर आयोजित करते हैं। इस वर्ष 26 से 29 फरवरी तक शिविर चला। टीम के साथ उन्होंने 1200 लोगों की आंखों का परीक्षण किया। मोतियाबिंद से ग्रस्त 60 लोगों के ऑपरेशन कर उनकी नेत्र ज्योति लौटाई।

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भर आईं डॉ. तितियाल की आंखें

शिविर से लौटे डॉ. तितियाल ने दैनिक जागरण को बताया कि चौंदास क्षेत्र से धारचूला शिविर में 60 वर्षीय मदन सिंह मोतियाबिंद के ऑपरेशन को पहुंचे थे। मदन सिंह बताने लगे, 'पिछले साल से आपके शिविर के इंतजार में था। पिथौरागढ़ या हल्द्वानी पहुंचने में असमर्थ हूं। आप आए, मेरी आंखों की रोशनी आ गई। बुजुर्ग की ये बातें सुन मेरी आंखें भर आईं।' इसी शिविर में एक लड़की मिली। नाम याद नहीं है, लेकिन जब उसने कहा, 'तीन साल पहले मेरी दादी की दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी। कुछ भी काम नहीं कर पातीं। वह कहीं बाहर जाने में असमर्थ दी। आपने ऑपरेशन किया था। आज वह अपना सभी काम करती हैं।' वह टीम के साथ अब तक एक हजार मरीजों के ऑपरेशन कर चुके हैं।

आसान नहीं दुर्गम में ऑपरेशन करना

पहले तो दुर्गम क्षेत्र में आवागमन आसान नहीं है। फिर वहां पर ऑपरेशन के लिए शिविर लगाना और भी मुश्किल है। डॉ. तितियाल कहते हैं कि ऑपरेशन के लिए उपकरण जुटाना, पूरी टीम को तैयार करना और फिर वहां पहुंचना होता है। अब हर साल जाने का लक्ष्य तय किया है। इस बार की टीम में सुशीला तिवारी अस्पताल से ही डॉ. नितिन मल्होत्रा, डॉ. मोहित, असित त्रिपाठी, भाष्कर के अलावा जिला अस्पताल पिथौरागढ़ से डॉ. कैलाश बृजवाल व आनंद का सहयोग मिला। साथ ही पिथौरागढ़ की जिला अंधता निवारण समिति, नव ज्योति समिति, रं कल्याण संस्था, रं यूथ फोरम धारचूला का भी सहयोग रहा।

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