रानीबाग पुल के ऊपर डबल लेन पुल बनाने को मिली मंजूरी, आइआइटी मुंबई ने पास किया डिजाइन
भीमताल में रानीबाग पुल पर यातायात दबाव कम करने को कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए पुल से थोड़ा ऊपर डबल लेन पुल की स्वीकृति केंद्रीय सड़क निधि से केंद्र सरकार ने दे दी है।
भीमताल, जेएनएन : रानीबाग पुल पर यातायात दबाव कम करने के लिए कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए पुल से थोड़ा ऊपर डबल लेन पुल की स्वीकृति केंद्रीय सड़क निधि से केंद्र सरकार ने दे दी है और निर्माण के लिये 745 लाख की धनराशि भी स्वीकृत कर दी है। स्वीकृति मिलने के बाद लोक निर्माण विभाग भवाली ने 60 मीटर डबल लेन पुल का डिजाइन बनाकर मुंबई आइआइटी को भेजा था वहां से डिजाइन पास हो गया। अब प्रदेश शासन से स्वीकृति मिलने के बाद पुल के लिये निविदा की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। पुल बनने से जहां लोगों का आवागमन सुलभ होगा तो वहीं काश्तकारों को अपना सामान ले आने और ले जाने में काफी राहत मिलेगी।
रानीबाग पुल का निर्माण कई दशक पूर्व किया गया था। तब से वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होने से पुल पर जाम की स्थिति बनी रहती है। सीजन के दौरान कई बार पर्यटकों के वाहन पुल के आसपास जाम में फंस जाते हैं। जिससे लोगों की कई बार तो ट्रेनें भी छूट जाती हैं। उससे भी ज्यादा परेशानी पर्वतीय क्षेत्र के फल उत्पादकों को उठानी पड़ती है। फल से लदे वाहन नियत समय पर मंडी नहीं पहुंच पाते हैं। जिससे उत्पादकों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। पुल बनने से अब फल उत्पादकों को काफी राहत मिलेगी तो वहीं लोगों को जाम के झाम से निजात मिलेगा। बतादें कि दो वर्ष पूर्व क्षेत्र के विधायक राम सिंह कैड़ा ने रानीबाग पुल के निर्माण के लिये जिला प्रशासन, शासन और विधान सभा में मामला उठाते हुए पुल निर्माण की मांग की थी।
स्वीकृति मिलते ही निकाली जाएगी निविदा
केके पाठक, कनिष्ठ सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग, भवाली ने बताया कि आइआइटी मुंबई से स्वीकृत डिजाइन को प्रदेश मुख्यालय भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलने बाद निविदा आदि की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।
विधानसभा में उठाई थी मांग
राम सिंह कैड़ा, विधायक ने कहा कि शासन को डिजाइन भेजा गया है। शासन और मुख्यमंत्री से पुल के डिजाइन को स्वीकृत कर कार्य को प्रारंभ करने की मांग की जाएगी। इस पुल के निर्माण की मांग कई बार मैंने विधान सभा सत्र में की थी। पुल बनने से जनता को काफी राहत मिलेगी।
यह भी पढ़ें : आज से शुरू हो जाएगी पिथौरागढ़-देहरादून हवाई सेवा, दिल्ली के लिए फिलहाल नहीं
यह भी पढ़ें : कालापानी को लेकर कभी नहीं रहा है भारत-नेपाल में विवाद, इतिहास में भी कोई प्रमाण नहीं